*जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि*
“`साहित्य समाज का दर्पण होता है और विचारो से भी देशसेवा एवं समाजसेवा की जा सकती है। जरूरी नहीं की प्रत्यक्ष रूप से ही देशसेवा की जाए, इंसान चाहे तो अप्रत्यक्ष रूप से भी अपने विचारो और रचनात्मक सोच से देश सेवा में अपना योगदान दे सकता है। आज जब सम्पूर्ण देश लॉकडाउन के कारण घरों के अंदर है वहीं लॉकडाउन में समय प्रबंधन, सकारात्मक सोच और रचनात्मकता की मिसाल बनकर सामने आई है डॉ. रीना मालपानी। जहाँ लोगो का घरो में समय नहीं कट रहा है, कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे है वही डॉ. रीना समय का सदुपयोग कर देशसेवा के साथ ही समाज, परिवार और माता-पिता का नाम गौरवान्वित करने का कार्य अपनी लेखनी के माध्यम से कर रही है। नारी चाहे तो घर में रहकर भी गृह कार्यों के साथ देशसेवा में अपना अनवरत योगदान दे सकती है। डॉ. रीना जो मूलतः रसायन शास्त्र से संबन्धित है, पर कोरोना संकट की इस घड़ी में अपनी काव्य रचनाओं, गीतों, विडियो एवं संदेशों द्वारा सतत इस लड़ाई में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होने अपने संदेशों में लॉकडाउन को सफल बनाने एवं प्रसारित नियमों जैसे: सामाजिक दूरी का पालन, सेनीटाइजर एवं मास्क का उपयोग, बार-बार हाथों को धोना इत्यादि तथा कोरोना योद्धाओं जैसे: शासन, प्रशासन, डॉक्टर, पुलिस, मीडिया, सफाईकर्मी इत्यादि द्वारा दी जा रही सेवाओं से अवगत कराते हुए उनका मनोबल बढ़ाने और उन्हे सहयोग प्रदान करने के लिए अपनी रचनाओं द्वारा जनमानस से निवेदन किया है। उनकी रचनाएँ कोरोना वाइरस के संक्रमण के कारण तनाव एवं उलझन भरे इस समय में कोरोना योद्धाओं में नवीन ऊर्जा भरने का कार्य कर रही है एवं कोरोना के यथार्थ के सूक्ष्म से सूक्ष्म पहलु को भी उजागर करती है साथ ही नवीन पीढ़ी को संदेश देने में भी सहायक है। यह कार्य डॉ. रीना अपने तीन माह के पुत्र के साथ कर रही है। उन्होने अभी तक कोरोना पर 16 कविताओं का सृजन किया है जोकि लगातार समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही है। उनके कोरोना जागरूकता गीतों एवं विडियो का प्रसारण भी विभिन्न स्थानो जैसे: नागदा, इंदौर, पुणे, बिहार इत्यादि में हो रहा है। लॉकडाउन में उनके द्वारा किया गया यह सकारात्मक कार्य सराहनीय है। उन्होने रचनात्मकता की दिशा में काव्य लेखन को चुना इसी तरह कोई भी अपनी रुचि अनुसार लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर देशहित में कार्य कर सकता है। आज डॉ. रीना देश की महिलाओ को एक संदेश दे रही है, कि यदि महिलाएं दृढ़ संकल्प कर ले तो वह घरो में रहकर भी देश और समाज की उन्नति में एक निर्णायक भूमिका का निर्वहन कर सकती है और समय प्रबंधन करते हुए लॉकडाउन का सकारात्मक दिशा में उपयोग कर सकती है।
*”कोरोना योद्धाओं का वंदन”*
कोरोना योद्धाओं को मेरा वंदन,
हम सब करते उनका अभिनंदन।
कोरोना ने मचाया हर तरफ कृंदन,
डॉक्टर, पुलिस, मीडिया, सफाईकर्मी, दानदाता सभी हैइस समय कुन्दन।
कोरोना से जीतकर लगाना है मातृभूमि को चन्दन,
जनमानस ने भी अपनाया घरो का बंधन।
कोरोना योद्धा तुम हो मातृभूमि का हृदय स्पंदन,
राष्ट्रहित में जान लगाने वाले भारत माँ के निडर नन्दन।
कोरोना के विस्तार का करना है तुमको खंडन,
सहयोग देकर करना है हमें भी कोरोना योद्धा का वंदन।“`
*डॉ. रीना रवि मालपानी*