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शिवसेना की युवा शाखा ने राजस्थान के CM को लिखा- जान है तो जहान है, छात्रों को कर दें पास

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फैसला लिया है कि राज्य में अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछले सेमेस्टर के औसत के औसत पर पास कर दिया जाएगा. जो छात्र अपने औसत में सुधार करना चाहते हैं, उनके लिए ऐसे छात्रों को भविष्य में अवसर दिया जाएगा.

महाराष्ट्र सरकार का छात्रों को पास करने का फैसला जो छात्र परीक्षा देना चाहते हैं उनके लिए बाद में होगी व्यवस्था शिवसेना की युवा ब्रिगेड ने CMs को लिखा- छात्रों को पास करें

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में अंतिम वर्ष के छात्रों की टर्मिनल परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है, अब शिवसेना की युवा शाखा ने देश के अन्य राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि महाराष्ट्र की तरह बाकी राज्य भी इस तरह का फैसला लें.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे ऐसे ही एक पत्र में युवा सेना ने कहा, यूजीसी ने अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर सभी छात्रों को पास करने के निर्देश जारी किया है. हमारा मानना ​​है कि मानव जीवन को अन्य चीजों की तुलना में प्राथमिकता देनी चाहिए और इसलिए हमने महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि स्थिति के सामान्य होने को लेकर बनी अनिश्चितता को देखते हुए अंतिम वर्ष के सभी छात्रों को पास कर दें. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो सभी छात्रों के लिए उचित और निर्णायक प्रतीत होते हैं.

1. महाराष्ट्र के सभी अंतिम वर्ष के छात्रों को उनके सभी पिछले सेमेस्टर के आधार पर पास कर दिया जाए.

2. उन छात्रों के लिए जो महसूस करते हैं कि ऐसा करने से उनको अंकों के मामले में नुकसान में हो सकता है, उन्हें शैक्षणिक संस्थानों के खुलने के बाद बाद की तारीख में स्वैच्छिक परीक्षा का विकल्प दिया जा सकता है.

छात्रों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता

वरुण सरदेसाई ने गहलोत से कहा हम आप से भी अनुरोध करते हैं कि वे आप भी अपने राज्य के छात्रों के लिए इसी तरह के दिशा-निर्देश लागू करें. जैसा कि एक प्रसिद्ध कहावत भी है कि ‘जान है तो जहान है.’

युवा सेना के सचिव वरुण सरदेसाई ने कहा कि आदित्य ठाकरे के निर्देशानुसार, युवा सेना ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर छात्रों की सुरक्षा के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया है. कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ऑफिस ने ऐसा करने के लिए उचित और निर्णायक दिशा-निर्देश दिए हैं. हमारे छात्रों का स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि अंतिम वर्ष के छात्रों को पिछले सेमेस्टर के औसत के औसत पर पास कर दिया जाएगा. जो लोग अपने औसत में सुधार करना चाहते हैं, उनके लिए ऐसे छात्रों को भविष्य में अवसर दिया जाएगा. सरकार ने यह भी कहा कि ऐसा महसूस किया गया है कि परीक्षा आयोजित करने को लेकर माहौल अनुकूल नहीं है और माता-पिता भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित थे.