स्थानीय कमांडरों के बीच कई दौर चली बैठकों के बाद जब तनाव में कमी नहीं आई तो दिल्ली और बीजिंग के बीच कूटनीतिक बातचीत पर ध्यान दिया गया और अब शनिवार को भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के शीर्ष जनरलों के बीच तनाव को कम करने को लेकर अहम बैठक होने जा रही है.
सैन्य खुफिया और सैन्य संचालन के DG रह चुके हैं LG हरिंदर LG हरिंदर सिंह ने अक्टूबर में 14 कॉर्प्स की संभाली थी कमान पिछले एक महीने से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति
भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के शीर्ष जनरलों की इस हफ्ते के अंत में बैठक होने जा रही है. दोनों देशों की सेनाएं भारत-चीन सीमा पर बने गतिरोध के कारण तनाव की स्थिति को कम करने की कोशिश में जुटी हैं. यह बैठक शनिवार को दोनों सेनाओं के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच होगी.
लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के तट पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के लगभग एक महीने बाद यह बैठक हो रही है. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच में यह झील पड़ती है, और इसके सटीक स्थान को लेकर विवाद है, जिसके कारण दोनों देशों के सैनिकों को एक-दूसरे के रास्ते में आना पड़ता है.
दोनों देशों में बनी तनाव की स्थिति
पैंगोंग त्सो झील के पास झगड़े के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के लद्दाख में एलएसी के पास कई प्वाइंट्स पर तनाव की स्थिति बनी. पैंगॉन्ग त्सो, गलवान घाटी और डेमचोक में भी गतिरोध की स्थिति बन गई थी.
ऐसा माना जाता है कि चीन ने क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और उपकरणों का निर्माण किया जिसके बाद भारतीय सेना को अपने सैनिक तैनात करने को मजबूर होना पड़ा था.
स्थानीय कमांडरों के बीच कई दौर चली बैठकों के बाद जब तनाव में कमी नहीं आई तो दिल्ली और बीजिंग के बीच कूटनीतिक बातचीत पर ध्यान दिया गया और अब शनिवार को भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के शीर्ष जनरलों के बीच तनाव को कम करने को लेकर अहम बैठक होने जा रही है.
कौन है एलजी जनरल हरिंदर सिंह
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह जो लेह स्थित 14 कॉर्प्स के कमांडर हैं, की अगुवाई में दोनों देशों के बीच सैन्य बैठक में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेंगे. ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ के उपनाम वाले 14 कॉर्प्स भारतीय सेना के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान का हिस्सा है और यह “सबसे शत्रुतापूर्ण इलाके, मौसम और ऊंचाई की चुनौतियों” का सामना करता है.
आतंकवाद रोधी विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में 14 कॉर्प्स की कमान संभाली थी. इससे पहले, उन्होंने भारतीय सेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया, जिसमें सैन्य खुफिया महानिदेशक (DGMI), सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO), और ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और स्ट्रैटेजिक मूवमेंट के महानिदेशक (DGOLSM) जैसे उच्च पदों पर रह चुके हैं.
इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने संयुक्त राष्ट्र के एक मिशन के रूप में अफ्रीका में भी काम किया है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में युद्ध का अनुभव देखा है.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह को सेना की मराठा लाइट इन्फैंट्री में नियुक्त किया गया था. बाद में अपने सैन्य करियर के दौरान, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (DSSC) से स्नातक भी किया.
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (IDSA) और सिंगापुर स्थित एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (RSIS) में सीनियर फैलो रहे हैं.
वह एक शानदार लेखक भी हैं. लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह के कई निबंध और पेपर्स भी प्रकाशित हुए हैं. उनकी पुस्तक ‘इस्टैब्लिशिंग इंडियाज मिलिट्री रेडिनेस कंसर्न एंड स्ट्रैटेजी’ शीर्षक से जल्द प्रकाशित होने वाली है.