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बारां: कोरोना में बुजुर्गों का ख्याल, ‘दादा-दादी, नाना-नानी’ अभियान से पहुंच रही मदद

राजस्थान के बारां जिले में बुजुर्गों को कोरोना से बचाने के लिए सुरक्षित दादा-दादी, नाना-नानी अभियान चलाया गया है. यह अभियान नीति आयोग की मदद से शुरू किया गया है.

देश भर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. वहीं, इस संक्रमण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों और बच्चों को है. बुजुर्गों के लिए यह वायरस ज्यादा खतरनाक है. इसे देखते हुए राजस्थान के बारां जिले में सीनियर सिटीजन्स के लिए एक अभियान ‘सुरक्षित दादा-दादी, नाना-नानी’ चलाया जा रहा है. यह अभियान बारां जिला प्रशासन, पीरामल फाउंडेशन और नीति आयोग की ओर से शुरू किया गया है.

कोरोना महामारी के इस समय में बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने और देखभाल की जरूरत है. ऐसे में इस महामारी के बीच चलाए जा रहे ‘सुरक्षित दादा-दादी, नाना-नानी’ अभियान का मकसद सभी वरिष्ठ नागरिकों को फोन के जरिए जागरुक करना, उनका हाल-चाल जानकार जरूरत अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराना है.

कार्यक्रम अधिकारी ज्योति सांखला का कहना है कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के 2000 वॉलंटियर्स को ऑनलाइन प्रशिक्षित किया गया है. ये वॉलंटियर्स पूरे सेवा भाव से सभी वरिष्ठ नागरिकों को जागरुक कर रहे हैं. साथ ही ये वॉलंटियर्स बुजुर्गों द्वारा चाही गई आवश्यक सुविधाओं की सूची पीरामल फाउंडेशन और बारां जिला प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं, जिनमें राशन, खाना और जरूरी दवाइयां शामिल हैं.

इस अभियान के प्रभावी परिणाम के लिए शहरी क्षेत्र के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद को नियुक्त किया गया है. इसके साथ ब्लॉक स्तर पर उपखंड अधिकारी एवं विकास अधिकारी इस कार्य का फॉलो अप ले रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा प्रदान की जा सके.

ज्योति सांखला के मुताबिक, अभी तक वॉलंटियर्स एवं पीरामल टीम मिलकर जिले के 55,075 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों से संपर्क कर चुके हैं, जिसमें से 3500 वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकताओं की सूची जैसे भोजन, दवाइयां, परामर्श एवं पेंशन आदि संबंधित विभाग तक पहुंच चुकी है.

इस अभियान में जिले की विभिन्न संस्थाओं के वॉलंटियर्स सेवा के लिए आगे आए हैं. प्रमुख रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जनजाति विभाग के शिक्षक अपनी पूरी सेवा दे रहे हैं. जिला प्रशासन के प्रयासों से जिले के समस्त बुजुर्गों तक उनकी जरूरतों को पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.

‘सुरक्षित दादा-दादी, नाना-नानी अभियान’ बारां जिला प्रशासन और पीरामल फाउंडेशन की पहल है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर उन तक मदद पहुंचाई जा रही है.