उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

सूचनाकर्ता ही निकला हत्यारा….. प्रेम प्रसंग, मकान ओर पैसे को लेकर 5 लोगो ने दिया था घटना को अंजाम


प्यार और कुछ पैसो के लिए कर दी पत्नी ने पति की हत्या, ऐसे हुआ खुलासा

देवास । थाना ओ.क्षेत्र देवास में सूचनाकर्ता छाया पति भगवान सिंह ने अपने पति भगवान सिंह के साथ आपसी पारिवारिक विवाद के कारण घर से चले जाने की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी । जिस पर थाना ओ.क्षेत्र देवास पर गुमशुदगी दर्ज की जाकर जांच प्रारंभ की गई । जांच के दौरान पाया गया कि भगवानसिंह ग्राम सिलाखेडी भाटोनी थाना कायथा जिला उज्जैन का रहने वाला हैं । इसकी शादी वर्ष 2013 में छायाबाई से हुई थी । शादी के बाद ग्राम की सिलाखेडी भाटोनी के घर व जमीन व अपना मकान को 8 लाख रूपये बेचकर देवास आ गया था तथा 4 लाख रूपये मे आडी पट्टी मल्हार में मकान खरीदा था तथा रूची सोया कम्पनी में नौकरी करने लगा । इसके दो बच्चे एक 4 वर्ष तथा 1.5 साल का था ।
इसी दौरान सूचनाकर्ता भगवान सिंह की पत्नि छाया की दोस्ती लखन पिता बहादुर आडी पट्टी वाले से हो गई तथा अवैध संबंध स्थापित हो गये । प्यार का परवान और मृतक भगवान सिंह के बैंक मे रखे 2 लाख रूपये के लालच में दोनों ने भगवान सिंह हो रास्ते से हटाने का सौदा किया । इस घटना को दिनांक 11.6.20 को भगवान सिंह घर पर सो रहा था रात्रि में छायाबाई ने लखन को फोन कर बुलाया तथा 10 हजार रूपये भी इसके लिए दिये थे । रात्रि करीब 1 बजे लखन अपने साथी अकील उर्फ अक्कु निवासी सिल्वर पार्क कालोनी आडी देवास तथा शानू निवासी मस्जीद के पास सिल्वर पार्क कालोनी आडी पट्टी देवास के साथ मिलकर भगवान सिंह के घर पहुंचकर, दोनों साथियों को 5 हजार रूपये इस कार्य हेतु देकर प्लानिंग कर छायाबाई ने इस कार्य में अपने भतीजे संतोष उर्फ निखिल पिता राधेश्याम निवासी आडी पट्टी मल्हार देवास को भी शामिल कर पांचो ने मिलकर सोते हुए भगवान सिंह को मार दिया। शानू ने लट्ठ से छाया ने धारदार हथियार से तथा निखिल ने तकीये से मुंह दबाकर मार डाला । भगवान सिंह को मारने के बाद उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए छाया ने अपनी टीवीएस एक्सल से निखिल , लखन और अक्कु ने लाश को बोरे में भरकर ग्राम शंकरगढ पहाडी के पास ( एबी रोड बायपास ) पुलिया के पाईप में ले जाकर फेंककर आ गये । छायाबाई और निखिल ने मिलकर घर में खून से सने कमरे की सफाई कर कपडों को रात में ही जला दिया ।
घटना के 5-6 दिन बाद अकिल और अक्कु ने शंकरगढ के पास पुलिया के निचे भगवान सिंह की लाश पर पेट्रोल डालकर लाश को सबूत मिटाने की नियत से जला दिया । इस जघन्य हत्याकांड में पैसे का लालच एवं प्यार की दिवानगी ने मृतक भगवान सिंह की कुरतम तरीके से हत्या कर लाश को ठिकाने लगाकर साक्ष्य मिटाने का कार्य पांचो आरोपियों ने किया हैं । जिन्हें थाना ओ.क्षेत्र में धारा 302,201,120 – बी , 34 भादवि में गिरफ्तार किया जाकर विवेचना की जा रही हैं ।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
उक्त आरोपियों की धरपकड करने में थाना प्रभारी ओ.क्षेत्र निरीक्षक अनिल शर्मा , उनि आर.के. शर्मा सउनि के.के. परमार म.आर. 140 नेहा सिंह ठाकुर , आरक्षक 452 रूपेश आरक्षक 386 जितेन्द्र आरक्षक 770 शिवप्रताप सिंह सेंगर आरक्षक 13 संतोष रावत प्र.आर. चालक 144 जितेन्द्र व्यास की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं । ,