चीन के एक प्रमुख डॉक्टर ने कोरोना वायरस को लेकर बड़ा दावा किया है. बीबीसी से बातचीत में प्रोफेसर क्वोक युंग युएन ने कहा कि वे मानते हैं कि कोरोना शुरू होने पर स्थानीय अधिकारियों ने इस बीमारी के पैमाने को छिपाया.
शुरुआती दिनों में वुहान में कोरोना की जांच करने वाले डॉक्टर क्वोक युंग युएन ने कहा कि सबूत मिटा दिए गए और तब क्लिनिक में जांच की रफ्तार काफी धीमी थी. बता दें कि दिसंबर 2019 के आखिर में ही वुहान में कोरोना के मामले सामने आने लगे थे.
क्वोक युंग युएन ने कहा- ‘जब हम Huanan के सुपरमार्केट में गए तो वहां देखने को कुछ नहीं था. मार्केट को पहले ही साफ कर दिया गया था. इसलिए आप कह सकते हैं कि क्राइम सीन को पहले ही बदल दिया गया था.’
चीनी डॉक्टर ने कहा कि सुपरमार्केट को चूंकि साफ कर दिया गया था, हम किसी भी ऐसी चीज की पहचान नहीं कर सके जिससे वायरस इंसानों में फैला हो. क्वोक युंग युएन ने कहा- ‘मुझे भी संदेह है कि वुहान में मामले को छिपाने के लिए उन लोगों ने कुछ किया.’
क्वोक युंग युएन ने कहा कि जिन स्थानीय अधिकारियों को जानकारी आगे भेजनी थी उन्होंने इस काम को ठीक तरीके से नहीं होने दिया. बता दें कि दुनिया के कई देश चीन पर आरोप लगा चुके हैं कि उसने कोरोना वायरस की जानकारी छिपाई. हालांकि, चीन आधिकारिक तौर से ऐसे आरोपों को खारिज करते आया है.
बता दें कि अब तक दुनिया में कोरोना के मामलों की संख्या 1.66 करोड़ हो चुकी है, जबकि 6.56 लाख लोगों की मौत भी हो गई है. अब भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
सिर्फ अमेरिका में कोरोना से अब तक 44 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. इसकी वजह से अमेरिका और चीन के संबंध काफी बिगड़ चुके हैं.