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कोविशील्ड हो सकता है भारत की पहली कोरोना वैक्सीन

मुंबई सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (ChAdO×1)  के दूसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है। इस चरण में 17 साईटों में 18 साल से अधिक उम्र के 1600 लोगों को परीक्षण में शामिल किया जाएगा।

ऑक्सफोर्ड के जेनर इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के शोधकर्ता कोविड-19 के खिलाफ एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रयासों में सबसे आगे रहे है। कोविशील्ड अपने परीक्षण के पहले चरण में काफी हद तक सफल रहा। पहले चरण और 2 ट्रायल के प्रारंभिक नतीजों में एक मजबूत इम्यून रिस्पांस पाया गया। इस से सेहत पर कोई नुकसान होता भी नहीं दिखा। वैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण मुंबई के 2 संस्थानों- केईएम और नायर हॉस्पिटल में किया जाएगा। फिलहाल भारत में 3 वैक्सीन ने परीक्षण के अलग-अलग शरण में हैं।

ChAdOx1 या कोविशील्ड वैक्सीन, एक चिंपैंजी एडेनोवायरस वैक्सीन वेक्टर, कोविड-19 के खिलाफ सबसे होनहार उम्मीदवारों में से एक माना जाता है।

भारत के बायोटेक और ICMR द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोवाक्सिन, भारत का पहला स्वदेशी कोरोनावायरस वैक्सीन है। ज़यडस कैडिला का जयकोव डी क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती चरणों में है।  ज़यडस कैडिला जिसने कुछ दिनों पहले अपने कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक दी है, ने कहा कि यह अगले साल तक जैब लॉन्च करने की योजना है।

SII ने कहा था कि वह 2020 के अंत तक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 400 मिलियन खुराक बनाने की योजना बना रहा है।

Julie kumari  @samacharline