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ISI की साजिश नाकाम, हनीट्रैप के जरिए गोरखपुर में जासूसी करवा रहा था पाकिस्तान

पाकिस्तान भारत से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने भारतीय वायुसेना और थल सेना से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए एक बार फिर हनी ट्रैप का सहारा लिया लेकिन समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने उसके एजेंट को दबोच कर मंसूबे को नाकाम कर दिया.

दरअसल जिस 51 साल के भारतीय नागरिक हनीफ (बदला हुआ नाम) को सैन्य खुफिया (एमआई) इकाई और उत्तर प्रदेश एटीएस ने आईएसआई के रैकेट से बचाया था उसी को हनी ट्रैप के जरिए चंगुल में फंसा कर जानकारी निकालने की कोशिश की जा रही थी.

खुफिया एजेंसी और एटीएस सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद हनीफ के जरिए आईएसआई गोरखपुर रेलवे स्टेशन, भारतीय वायु सेना स्टेशन और कुंद्रा घाट सैन्य स्टेशन की जानकारी और तस्वीर जुटाने की कोशिश में था. इसके लिए हनीफ को ब्लैकमेल भी किया जा रहा था. उससे भारतीय सैनिकों के “व्हाट्सएप ग्रुप” की कुल संख्या पर भी जानकारी मांगी जा रही थी.

2014 से 2018 के बीच हनीफ ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और अपने रिश्तेदारों के घर गया था. वहीं पर हनीफ को आईएसआई द्वारा ट्रैप किया गया था. उसे यात्रा के अंतिम पड़ाव में एक वेश्यालय ले जाया गया जहां उसका वीडियो बना लिया गया. बाद में उसी वीडियो का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के पूर्वी शहरों में संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें भेजने के लिए आईएसआई के लोग उसे ब्लैकमेल करने लगे.

हालांकि, भारतीय एजेंसियों ने जल्द ही आईएसआई की इस खतरनाक साजिश का पता लगा लिया और ‘ऑपरेशन गोरखधंधा’ शुरू किया. राज्य में कोरोना वायरस संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर प्रदेश एटीएस ने मामले का पता लगाने के लिए, 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन और स्वतंत्रता दिवस पर सतर्कता बरती और संयुक्त टीम गोरखपुर स्थित संदिग्ध की गतिविधियों की निगरानी करती रही.

गोरखपुर में चाय की दुकान चलाने वाले हनीफ के सेलफोन नंबर की संदिग्ध गतिविधियों का पहला इनपुट जम्मू-कश्मीर में मिलेट्री इंटेलीजेंस (एमआई) समकक्षों से आया था. लखनऊ स्थित एमआई यूनिट तुरंत कार्रवाई में जुट गई और गोरखपुर में हनीफ को पकड़ लिया.

खुफिया टीम ने जुटाए गए सभी इनपुट को सावधानीपूर्वक उससे बरामद कर लिया. संदिग्ध के रूप में मोहम्मद हनीफ की पहचान को पुख्ता किया गया और पाकिस्तान के साथ उसके कनेक्शन का पता लगाया गया.

एमआई यूनिट ने जुलाई के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश एटीएस के साथ सभी निष्कर्षों को साझा किया और इस संवेदनशील मामले में आगे की कार्रवाई के लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया गया.

हालांकि, जांच के बाद, पता चला कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से मिलने गया चाय बेचने वाला दुश्मन देश के लिए जासूसी के खेल में कैसे फंस गया. शुरुआत में हनीफ किसी भी अवैध या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से इनकार करता रहा लेकिन जल्द ही वो टूट गया. इसके बाद उसने आईएसआई की साजिश का खुलासा किया.