कालोनाईजर और अन्य साथियों पर लगा 11 करोड़ की जमीन घोटाला का आरोप
कालोनाईजर का कहना सारे आरोप बेबुनियाद लगा सकता हॅू मानहानि का दावा
देवास। देवास के नवरत्न हेरिटेज नामक कॉलोनी का विवाद थमने का नाम नही ले रहा है पिछलों दिनों इसी के चलते एक विवाद सुर्खियों में आया था जिसमें औद्योगिक थाने पर प्रकरण भी दर्ज हुआ था जिसके बाद शनिवार को प्रेस वार्ता में अधिवक्ता देवेन्द्र व्यास ने विकसित की गई जमीन पर 11 करोड़ की जमीन घोटाला करने वाले जादूगरों के नाम का खुलासा किया गया। अधिवक्ता का आरोप है कि देवास के इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी की इस तरह की पहली घटना है जिसमें फज़ऱ्ी दस्तावेजों को आधार बना कर कालोनाईजर ने कालोनी काट दी। वही अधिवक्त व्यास का कहना है कि जिस भूमि पर नवरत्न हेरिटेज नामक कॉलोनी विकसित की गई यह जमीन पारस जैन पिता रख़बचंद्र के नाम पर कभी थी ही नही। साथ ही नवरत्न हेरिटेज कॉलोनी के दस्तावेजों में जो सर्वे नंबर 274/5 का उल्लेख है असल मे वो सर्वे नम्बर शासकीय दस्तावेजो में कभी था ही नही। इसके अलावा और भी अन्य अवैध दस्तावेज नवरत्न हेरिटेज कॉलोनी के कालोनाईजर ने उपयोग किये गये है। वही अधिवक्ता व्यास का कहना है कि मेरे पक्षकार दीपक पिता शिवा चौधरी द्वारा पुरा मामला अवलोकनाथ में लाया गया है लोकहित वाद भी निर्मित होता है जिसका उच्चनायालय में लोकहित पीआईएल भी प्रसतुत कंरूगा
वही कालोनाईजर गौरव जैन भौमिया का कहना है कि इस तरह की बचकानी हरकत है कालोनी पूर्ण तरह से वैध है सााि ही जिस तरह से इन लोगों ने आरोप लगाया है उनका यही काम है। मेरे द्वारा इनकी सभी को शिकायत कि गई है। और आज जो काम किया है उसको लेकर न्यायालय जाकर मानहानि का दावा लगा सकता हॅू। वही पूर्व में इन लोगों द्वारा इस पर कब्जा करने की कोशिश की गई थी।