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फ्रांस की एक पत्रिका में अश्वेत सांसद को दास बताने पर हुआ विवाद

फ्रांस- फ्रांस की एक दक्षिणपंथी पत्रिका ने एक अश्वेत सांसद को गुलाम के रूप में चित्रित किया। इसके बाद पत्रिका की आलोचना होने लगी। वैलेरस अक्टुएल्स के एक लेख में अफ्रीकी लोगों को दास के रूप में दर्शाया गया। लेख के साथ सांसद डैनिएले ओबोनो का एक स्केच था जिसमें वह लोहे की कॉलर पहनी हुई थी। लेख के विवादों में आने के बाद पत्रिका ने ओबोनो से माफी मांगी, मगर इस बात से इंकार कर दिया कि पत्रिका जातिवादी है।

ओबोनो गैबॉन में पैदा हुई थीं। वह जीन-ल्यूक मेलेनचोन के नेतृत्व वाली वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबोएड के लिए नेशनल असेंबली में डिप्टी है। वह एक पेरिस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है।

ओबोनो ने इस लरख पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह छवि मेरे पूर्वजों, मेरे परिवार और मेरे राजनीतिक आंदोलन का अपमान है,” उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए, धर्मवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पहले से अधिक दृढ़ संकल्प है।“

फ्रांस में जून और जुलाई में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए।  आज फ्रांस में औपनिवेशिक युग की गुलामी और नस्लवाद की निंदा की, जो ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन से प्रेरित था और अमेरिकी पुलिस ने जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर रोष व्यक्त किया था।

राष्ट्रपति मैक्रोन ने नस्लवाद का मुकाबला करने की कसम खाई है लेकिन कहा है कि फ्रांस औपनिवेशिक युग के विवादास्पद मूर्तियों को नहीं हटाएगा। ब्रिटेन और अमेरिका में ऐसी प्रतिमाओं के खिलाफ कई अभियान चलाए गए हैं।

Julie kumari  @samacharline