देवास। वर्तमान में वर्षा ऋ तु आरंभ है, जिसके तहत शहर में निगम ने जर्जर भवनों की एक सूची जारी कर भवनों के मालिकों को नोटिस दिये गये थे वही गत दिनों निगम कार्यालय से कुछ ही दूरी पर एक मकान भराभराकर गिरा था उसके बाद देवास पुलिस कोतवाली के पीछे जर्जर भवनों पर जवाबदारों का कही और ध्यान है। ऐसा इसलिये कह रहे है कि क्योकि शहर के बीचों बीच कोतवाली थाने के पीछे बने शासकीय भवन भी जर्जर अवस्था में अपनी व्यथा पर आसु बहा रहे है। इन शासकीय भवनों में अभी भी रहवासी निवास कर रहे हैं। यह रहवासी और कोई नहीं पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिस के आरक्षक प्रधान आरक्षक व सैनिकों के परिवार हैं जो इन जर्जर भवनों में निवासरत हैं जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकता है। इस विषय को लेकर हमारे संवादाता ने पुलिस अधीक्षक शिवदयाल सिंह से चर्चा की तो उन्होनें भी कहा की जर्जर हो चुके भवन का मामला संज्ञान में आया है, मुझे इन भवनों की दशा के बारे में जानकारी है और एक दो दिन में इन क्वाटरों को खाली कराकर उन्हें पुलिस लाईन में बने नये भवनों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वहीं जीर्ण-शीर्ण हालत में जो यह भवन पंहुच गये है, उसे तोड़कर नवीन भवन बनाने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि अब तक पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारीयों ने इसकी सुध लेने का कोई विचार नहीं किया था। वहीं अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक इसकी सुध लेने का विचार जमा चुके हैं यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है की लापरवाही विभागीय अधिकारी की रही लेकिन सुध लेने वाला कोई भी अधिकारी पिछले 50 वर्षों में सामने नहीं आया।
पुलिस विभाग जो आमजन की सुरक्षा हेतु दिन हो या रात या किसी भी प्रकार का कोई मौसम क्यों न हो सदैव आमजन की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। पुलिस विभाग के खासतौर पर सैनिक किस दशा में निवास करते हैं। इसकी जानकारी विभाग के आला अधिकारीयों को तो है लेकिन वह यह नहीं देखते की उनके क्वाटर किस तरह बने है उनकी दशा क्या है। इन सभी बातों को लेकर विभाग के बने क्वाटरों को जब हमने देखा तो पाया की यहां पर भवन की हालत इस तरह हो गई है की कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिससे बड़ी जनहानी भी हो सकती है। कोतवाली थाने के नजदीक ही पुलिस विभाग के क्वाटर बने हुए हैं, बताया जाता है की इन क्वाटरों को बने हुए लगभग 50 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। जिस पर कभी भी कोई मरम्मत जैसा कार्य अब तक नहीं किया गया। जिस पर हालत ऐसे हो गए है की यहां पर भवन कब गिर जाए इसका भी कोई भरोसा नहीं है। कहा जाए तो जवानों के इस रहवासी भवन में जवान व परिवार भी हादसों के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। हाँलाकि विभागीय सूत्र बताते हैं की इसकी हालत सुधरवाने के लिए विभागीय अधिकारीयों को जानकारी दी जा चुकी थी। लेकिन समय के बदलाव के साथ अधिकारी भी बदल गए और अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक को मामला संज्ञान में आया है जिस पर उन्होनें कहा है की जल्द ही यह क्वाटर खाली कराकर मौजूद लोगों को विभाग के नये बने भवनों में भेज देंगे। ताकि कोई हादसा न हो, व जल्द ही नये क्वाटर बनाने की कवायद की जाऐगी।
यह कहना पुलिस अधिक्षक का
आपके द्वारा बताए जाने के बाद मुझे संज्ञान में आया है, कोतवाली थाने के आसपास हमारे आवासीय परिसर है और उनको वर्षा काल को देखत हुए खाली करवा रहे हैं। वास्तव में वह बड़े जर्जर हैं, और किसी भी स्थिति में रहने लायक नहीं है। यहां रह रहे लोगों को पहले विभागीय स्तर पर बने आवासीय परिसर में भेजेंगे।