उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

जिनके ऊपर रही बड़ी जिम्मेदारी वे ही निकले लापरवाह… कोरोना से लड़ाई में गंभीर नहीं स्वास्थ्य विभाग,पाजिटिव केस निकलने के बाद भी दिखाया टालू रवैया…,दो दिन से आ रही रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग सहित CMHO दफ्तर के 10 पॉजिटिव

जिनके ऊपर रही बड़ी जिम्मेदारी वे ही निकले लापरवाह…
कोरोना से लड़ाई में गंभीर नहीं स्वास्थ्य विभाग,पाजिटिव केस निकलने के बाद भी दिखाया टालू रवैया…
दो दिन से आ रही रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग सहित CMHO दफ्तर के 10 पॉजिटिव

देवास। स्वास्थ्य विभाग देवास का कार्यालय कोरोना का हाट स्पाट बनकर उभरा है। स्वास्थ्य विभाग के 9 अधिकारी. कर्मचारियों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आने के बाद हड़कंंप मचा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ का रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है। सीएमएचओ कोरोना का पहला मामला निकलने के बाद भी गंभीरता नहीं दिखाई और पूरे मामले में टालू रवैया बनाए रखा। अपने अफसर के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये से विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों में भी असंतोष था लेकिन वे खुलकर सामने नहीं आ सके। कार्यालय के स्टाफ का कोरोना टेस्ट भी नहीं होता अगर लापरवाही की भनक मीडिया को नहीं लगती। जब मीडिया ने इस पर सवाल उठाए तो आनन.फानन में पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट लिया गया जिसमें अभी तक 9 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आ चुकी है। कुछ और अधिकारी.कर्मचारियों की रिपोर्ट अभी आना है। कोरोना को लेकर शासन ने विस्तार से गाइड लाइन बना रखी है जिसका पालन प्रशासन के अफसरों को साथ लेकर स्वास्थ्य विभाग कराता है। रोजाना के प्रेसनोट में कोरोना के मामले में सक्रियता दिखाने वाला स्वास्थ्य विभाग अपने ही अमले की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आया। अगर ऐसी ही लेटलतीफी आम आदमी करता तो उसके ऊपर कोरोना फैलाने का मुकदमा दर्ज हो जाता लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मामले में ऐसा नहीं हुआ। अब पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है। सूत्रों के अनुसार इधर एक बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग कार्यालय को सैनिटाइजर नहीं करके भी दिखाई गई है। नियम के अनुसार हाटस्पाट को सैनिटाइज किया जाना था लेकिन अफसर इसे भी भूल गए।

गाइड लाइन