कलेक्टर साहब स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं, बाहर घूम रहे होम क्वारेंटाइन मरीज
रैपिड रिस्पांस टीम के दो सदस्य भी पॉजेटीव
देवास। शासन के निर्देशानुसार होम क्वारेंटाइन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन कोविड कंट्रोल सेंटर से फोन किया जाना है और सुबह-शाम ऑक्सीजन का लेवल तथा पल्स की जानकारी रखना है, लेकिन स्वास्थ्य अमला होम क्वारेंटाइन मरीजों को लेकर लापरवाह नजर आ रहा है। मॉनिटरिंग के लिए स्वास्थ्य आमला होम क्वारेंटाईन मरीजों के घर पही पहुंचते है और ना ही उनसे चर्चा कर, उनकी समस्या पूछते है।
कोरोना जांच की रिपोर्ट आने के बाद रैपिड रिस्पांस टीम के सदस्य मरीजों के घर पहुंचकर उनसे चर्चा करते हैं। जिसके घर पर आयसोलेशन की सुविधा नहीं है,उसे शासन द्वारा अतिग्रहण किये गये क्वाराईटन सेंटर भेज दिया जाता है। भेजा सिम्प्टोमेटिक पर जिला चिकित्सालय या फिर अमलतास भेजा जाता है। जो सिम्प्टोमेटिक मरीज आग्रह करते हैं कि उनके यहां अलग से कमरा एवं लेट-बाथ है, तो उनकी मर्जी अनुसार उन्हे होम आयसोलेट कर दिया जाता है। शर्त यह रहती है कि वे नियमों का पालन करें। घर से बाहर न निकले आदि।
अब बात करे इनकी जांच व निगरानी की तो इसकी जिम्मेदारी सीएमएचओ कार्यालय के पास है कि वे मरीजों का समग्र ध्यान रखे और मॉनिटरिंग करे। सीएमचओ कार्यालय इस भूमिको को नहीं निभा पा रहा है। सूत्रों की मानों तो इसकी शिकायतें कलेक्टर के पास लम्बे समय से पहुंच रही है। बताया तो यह भी जा रहा है कि देवास रैपिड रिस्पांस टीम के दो सदस्य भी पॉजेटीव निकले है उनहोनें बताया कि शनिवार को अमलतास में एडमिड होने के बाद से ही डयूटी डाक्टारों के भरोसे छोड दिया गया जबकि मुख्य डाक्टर 24 घंटे से अधिक समय होने के बाद भी अभी तक देखने को नही आये है रही बात उपचार की तो हमारे द्वारा निजी उपचार करवायाजा रहा है। जब रैपिड रिस्पांस टीम के दो सदस्यों के पॉजेटीव आने के बाद यह हाल है तो आम व्याक्तियों के साथ क्या होता होगा अब सवाल यह उठता है कि बाहर घूम रहे होम क्वारेंटाईन मरीजों पर क्यों नही निगरानी रखी जा रही है।