उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

कलेक्टर को देगे ज्ञापन, नही आये साहब तो नारेबाजी करते हुए कर दिया चक्काजाम देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं के विरोध में बहुजनों ने रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन सयाजी द्वार चक्काजाम में फंसी 10 मिनिट तक फंसी एंबुलेंस


देवास। हाथरस गैगरेपर को लेकर पुरे देश के लोग गुस्से में है जिसको लेकर तमाम संगठनों द्वारा हाथरस सहित बलरामपुर एवं खरगोन व विभिन्न जगहों पर हुई बालिकाओं के साथ हुई बलात्कार की घटना के विरोध में डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय युवा संघ, अखिल भारतीय बलाई महासंघ, महाक्रांति सेना, भीम सेना, भीम आर्मी, दलित चेतना मंच, वाल्मीकि महापंचायत, अजाक्स, विद्यार्थी मोर्चा, बौद्ध समाज सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से रैली निकालकर ज्ञापन देने कलेक्टर कार्यालय पंहुचें। विरोध प्रदर्शन रैली सोमेश्वर मंदिर नाहर दरवाजा से प्रारंभ होकर प्रमुख मार्गो से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। कलेक्टर कार्यालय पर नारेबाजी पश्चात भी ज्ञापन लेने के लिए कलेक्टर नहीं पहुंचे तो संगठनों के युवाओं ने विरोध स्वरूप सयाजीद्वार के सामने एबी रोड़ पर चक्काजाम कर दिया, जो तकरीबन 25 मिनिट तक चलता रहा। वही चक्काजाम में तकरीबन 10 मिनिट तक एंबुलेंस फंस गई लेकिन वहा मौजूद लोगों की समझदारी ने एम्बुलेंस को निकाला गया।ि संगठनों द्वारा चक्काजाम के कारण प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ी। वही एसडीएम प्रदीप सोनी की समझाईश के बाद भी नही मानने पर धारा 144 का उल्लघन व मास्क तथा सौशल डिस्टेस का ध्यान 5 लोगेां का एक प्रतिनिधी मंडल से कलेक्टर को ज्ञापन की बात रखी गई जिसके बाद काफी समय बाद स्थिति संतुलन में न दिखते हुए कलेक्टर ने 5 सदस्यों को कलेक्ट्रेट में ज्ञापन के लिए बुलाया। जहां राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि हाथरस में गांव के ही ठाकुर समाज के चार युवकों ने मनीषा वाल्मिकी के साथ सामुहिक बलात्कार कर उसके साथ हैवानियत करते हुवे उसके शरीर के अंग गले व रिड की हड्डी तोड़ दी तथा बेदर्दी से जुबान को काट दी। जिससे मनिषा किसी प्रकार से कोई बयान नहीं दे पाई। इलाज के दौरान मनीषा की मृत्यु हो गई। प्रशासन ने जल्दबाजी कर उसका शव परिजनो को नहीं सौंपा और न ही परिजनो को अंतिम दर्शन करने दिये गये। देर रात 2.30 बजे प्रशासन के आला अधिकारीयों की मौजुदगी में गैर जिम्मेदाराना तरीके व बिना रिति रिवाज से शव का अंतिम संस्कार लावारिसो की तरह किया गया है। प्रशासन के रवैय्ये से लगता है कि यह आरोपीयों को शय देने में लगा हुआ है। उन्हे बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। मनीषा वाल्मिकी के परिजनों से मिलने नहीं दिया जा रहा है न ही मीडिया को मिलने दिया जा रहा है जो कि लोकतंत्र की हत्या है। इसी तरह देश में कही जगहो पर जैसे उप्र के बलरामपुर, म.प्र. के खरगोन आदि जिलों में निरंतर ऐसे जघन्य अपराध हो रहे है। शासन-प्रशासन पुरी तरह से सोया हुवा है। देश की बहन बेटी बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। राज्यो के केन्द्री सरकार महिलाओं की सुरक्षा में पुरी तरह विफल हो रही है। समस्त संगठन एवं बहुजन समाज मांग करता है कि देश में बढ़ रहे ऐसे जघन्य अपराधो पर अंकुश लगावे और अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्यावाही करते हुए फांसी की सजा दी जावे। साथ ही देवास में भी इस घटना को संज्ञान में लेते हुए सुरक्षा की दृष्टि का ध्यान रखे जाने की बात कलेक्टर से कही गई।