top newsदेशराजनीती

बंगाल पर ‘ममता’, तमिलनाडु को तोहफे, निर्मला के बजट में दिखेगी चुनावी छाप!

देश का बजट ऐसे समय आ रहा है जब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश है. ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार के बजट में चुनावी राज्यों पर खास फोकस हो सकता है. बीजेपी असम में सत्ता बचाने और पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है तो तमिलनाडु में AIADMK के सहारे कमल खिलाने की जुगत में है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आज यानि सोमवार को आम बजट पेश कर रही हैं. देश का बजट ऐसे समय आ रहा है जब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश है. ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार के बजट में चुनावी राज्यों पर खास फोकस हो सकता है. बीजेपी असम में सत्ता बचाने और पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने की जी-तोड़ कोशिश कर रही है तो तमिलनाडु में AIADMK के सहारे कमल खिलाने की जुगत में है. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार बजट के जरिए लोगों को लुभाकर अपना सियासी समीकरण साधने की कवायद कर सकती है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. असम में बीजेपी और असम गण परिषद के गठबंधन की सरकार है, जिसमें मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल हैं. पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार है और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं. केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है यानी भाकपा और माकपा के साथ अन्य लेफ्ट पार्टियों का गठबंधन है और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन हैं. तमिलनाडु में ई. पलानीस्वामी सीएम हैं और एआईएडीएमके सत्ता में है. कांग्रेस के पास सिर्फ केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी है, जहां वी नारायणसामी सीएम हैं.

बीजेपी इन पांच राज्यों में चुनावी जंग फतह करने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. बीजेपी की नजर खासकर पश्चिम बंगाल में ममता के दुर्ग को भेदने की है तो असम में अपनी सत्ता को हरहाल में बचाए रखने की है. वहीं, तमिलनाडु में बीजेपी AIADMK के सहारे मैदान में है. चुनाव से पहले आ रहे इस बजट के मद्देनजर माना जा रहा है कि चुनाव की वजह से इस बार बंगाल सहित उन सभी राज्यों का खास ख्याल रखा जायेगा, जहां इस साल चुनाव होने हैं.

पश्चिम बंगाल पर होगा खास फोकस

देश के पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस पश्चिम बंगाल पर है. बीजेपी टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के गढ़ को भेदने की हर संभव कोशिश में जुटी है, जिससे बीजेपी और टीएमसी के बीच सीधा मुकाबला होता नजर आ रहा है. हालांकि, लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन बंगाल की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कवायद में है. ऐसे में मोदी सरकार बजट में बंगाल की खास छाप नजर आ सकती है.

हाल के दिनों में केंद्र ने राज्य में कई परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर फंड का आवंटन किया है. स्मार्ट सिटी से लेकर ग्रामीण सड़कों तक, केंद्र धीरे-धीरे राज्य में योजनाओं को सरकार अमलीजामा पहनाने में जुटी है. इनमें इको पार्क में सौर स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट, जल संरक्षण और मधुमक्खियों के कॉरिडोर परियोजना शामिल है. पीएम मोदी और बीजेपी नेता केंद्रीय योजनाओं के बहाने ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर हैं. चुनाव से ठीक पहले बजट में बंगाल के लिए सौगात देकर सियासी तौर पर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश हो सकती है, जिससे ममता बनर्जी को भी केंद्र के खिलाफ बंगाल के साथ भेदभाव किए जाने का मौका भी नहीं मिल सकेगा.

तमिलनाडु को क्या मिलेगा तोहफा

तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचलें तेज हैं. बीजेपी ने राज्य की सत्ताधारी AIADMK के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जबकि कांग्रेस और डीएमके एक साथ हैं. वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण तमिलनाडु से आती हैं. ऐसे में तमिलनाडु में होने वाले चुनाव को देखते हुए वित्त मंत्री बजट में राज्य को कई सौगातों का ऐलान कर सकती हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने हाल ही में दिल्ली आकर पीएम मोदी और वित्त मंत्री से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि उन्होंने बजट में राज्य के लिए विकास योजनाओं की डिमांड रखी है. ऐसे में देखना है कि बजट में तमिलनाडु की क्या छाप सरकार छोड़ पाएगी?

असम में बीजेपी की साख दांव पर

पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम में कमल खिलाने में कामयाब रही है, जिसे हर हाल में वो अपने पास बचाए रखना चाहती है. कांग्रेस असम में सीएए के मुद्दे को धार दे रही है और बीजेपी को घेरने में जुटी है. यही वजह है कि असम की जीत बीजेपी के लिए काफी अहम साबित होगी, इसलिए बीजेपी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. ऐसे में बीजेपी असम में विकास और बांग्लादेशी घुसपैठ से राज्य की संस्कृति की रक्षा के मुद्दे के साथ मैदान में है. मोदी सरकार बजट के जरिए असम को बड़ा सियासी संदेश देने की कवायद कर सकती है. माना जा रहा कि असम के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई लोकलुभावनी घोषणा की जा सकती है.