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म्यांमार में तख्तापलट, हिरासत में आंग सान सू की, एक साल के लिए लगी इमरजेंसी

म्यांमार की सेना ने वास्‍तविक नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को हिरासत में ले लिया और एक साल के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया है. सेना के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग के पास सत्ता चली गई है.

पड़ोसी देश म्यांमार में तख्तापलट हो गया है. म्यांमार की सेना ने वास्‍तविक नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को हिरासत में ले लिया और एक साल के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया है. म्यांमार सैन्य टेलीविजन का कहना है कि सेना ने एक साल के लिए देश पर नियंत्रण कर लिया है और सेना के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग के पास सत्ता जाती है.

म्यांमार सेना का कहना है कि चुनाव धोखाधड़ी के जवाब में तख्तापलट की कार्रवाई की गई है. इस तख्तापलट के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना की टुकड़ियों की तैनाती की गई है. म्यांमार के मुख्य शहर यांगून में सिटी हॉल के बाहर सैनिकों को तैनात किया गया है, ताकि कोई तख्तापलट का विरोध न कर सके.

आपको बता दें कि म्यांमार में एक लंबे समय तक आर्मी का राज रहा है. साल 1962 से लेकर साल 2011 तक देश में ‘मिलिट्री जनता’ की तानाशाही रही है. साल 2010 में म्यांमार में आम चुनाव हुए और 2011 में म्यांमार में ‘नागरिक सरकार’ बनी. जिसमें जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को राज करने का मौका मिला.

नागरिक सरकार बनने के बाद भी असली ताकत हमेशा ‘आर्मी’ के पास ही रही. अप्रत्यक्ष रूप से ‘मिलिट्री जनता’ म्यांमार की पहली शक्ति ही बनी रही, उसे उन अर्थों में हटाया नहीं जा सका, जैसा कि बाहर से लग रहा था. इसलिए सोमवार की जो घटना हुई है वह कुछ और नहीं बल्कि म्यांमार के राजनीतिक परिदृश्य का असली रूप है.