कोरोना महामारी के कारण लगभग सालभर से खेल गतिविधियां ठप होने का असर खेल बजट पर भी पड़ा है. वर्ष 2021-22 के बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय को 2596.14 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के मूल आवंटन से 230.78 करोड़ रुपये कम है.
कोरोना महामारी के कारण लगभग सालभर से खेल गतिविधियां ठप होने का असर खेल बजट पर भी पड़ा है. वर्ष 2021-22 के बजट में खेल और युवा कार्य मंत्रालय को 2596.14 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के मूल आवंटन से 230.78 करोड़ रुपये कम है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वर्ष 2021-22 के लिए बजट संसद में पेश किया. पिछले वित्त वर्ष के संशोधित आवंटन से हालांकि यह 795.99 करोड़ रुपये अधिक है. वर्ष 2020-21 के लिए मूल आवंटन 2826.92 करोड़ रुपये था, जो बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिया गया था.कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक स्थगित होने के अलावा घरेलू टूर्नामेंट भी नहीं हो सके और विदेश में अभ्यास या प्रतिस्पर्धा भी संभव नहीं थे. ओलंपिक की तैयारी के लिए विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय वहन करता है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘शुरुआत में पिछले साल के बजट में खेलों को 2826.92 करोड़ रुपये दिए गए थे. जो बाद में घटाकर 1800.15 करोड़ कर दिए गए क्योंकि कोरोना महामारी के कारण खेल हो ही नहीं रहे थे. बुनियादी ढांचा बेहतर करने की दिशा में भी कोई काम नहीं हो सका.’
खेलो इंडिया के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. संशोधित अनुमान में इसमें 232.71 करोड़ की कटौती की गई है. वर्ष 2021-22 में इस मद को घटाकर 657.71 करोड़ रुपये कर दिया गया है.