कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के मसले पर संसद में एक हाईलेवल मीटिंग की. इस मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी मौजूद थे.
किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को ट्विटर पर बवाल कटा रहा, संसद में शोर हुआ और जींद की रैली में टिकैत की गूंज सुनाई दी। मतलब कानूनों को लेकर लड़ाई कई मोर्चे पर किसान लड़ रहे हैं और उसमें अलग-अलग तरह का समर्थन या फिर विरोध उन्हें मिल रहा है. बस सरकार के साथ कोई सहमति नहीं बन सकी. इस बीच कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के मसले पर संसद में एक हाईलेवल मीटिंग की. इस मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी मौजूद थे. हाल ही में पीएम मोदी ने कहा था कि किसानों और सरकार के बीच बस एक कॉल की दूरी है. लेकिन फिर भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत ने ये भी कहा था कि ऐसा नहीं है उनके पास प्रधानमंत्री का नंबर ही नहीं है. ख़ैर आप जानते ही हैं कि बजट सत्र चल रहा है और पुलिस ने कड़ा पहरा लगा रखा है सिंघु और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर. और 71 दिन बाद प्रधानमंत्री की किसानों के मसले पर इस मीटिंग के क्या मायने हैं? क्या सरकार और किसानों के बीच टूटा हुआ वार्ता का दौर फिर शुरू होगा?
भारत सरकार ने कल संसद को बताया कि चीन की सेना ने पिछले साल मई से LAC यानि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन का प्रयास किया। और भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इस तरह के उल्लंघन के प्रयासों से जो भी मुद्दे उठे हैं उसे सुलझाने के लिए दोनों अलग अलग चैनलों के माध्यम से बात चीत कर रहे हैं और उसे सुलझाने में लगे हुए हैं। उधर एक खबर पड़ोसी पाकिस्तान की तरफ से भी आई. भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के बदले सुर ने सबको हैरान कर दिया. बाजवा ने कहा है कि वक्त आ गया है कि क्षेत्र के सुरक्षित भविष्य के लिए शांति स्थापित की जाए. उनके इस बयान को अब भारत से बातचीत की पेशकश के तौर पर देखा जा रहा है.
कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए भारत समेत कई देशों में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो चुका है. अमेरिका के बाद यहीं सबसे ज़्यादा केसेस है. करीब 1 करोड़ 7 लाख. हालाँकि अभी हाल के कुछ दिनों में कोरोना मामलों की संख्या काफ़ी हुई है, रिकवरी भी हो रही है मृत्यु दर भी कम हो रही है. वैक्सीन सिर्फ 18 दिनों में ही 40 लाख लोगों को लग चुकी है जो दुनियाभर में सबसे बड़ा ड्राइव माना जा रहा है. लेकिन अभी एक लेटेस्ट सर्वे से पता चला है कि भारत की कुल आबादी में से 30 करोड़ लोग कोरोना से पहले से ही इन्फेक्टेड है. ये सर्वे ICMR ने किया है और इसे पब्लिश किया है न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने, सूत्रों के हवाले से. इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि वो आज एक न्यूज़ कांफ्रेंस में इस पूरे रिजल्ट्स को साझा किया जा सकता है, तो इतने ज़्यादा नंबर्स में लोगों का इन्फेक्टेड होना कितना संभव और क्या वजहें हो सकती है?
इन मुद्दों पर विस्तार से बात होगी, इसके अलावा देश-दुनिया की ख़बरें, अख़बारों से सुर्खियां और आज के दिन का इतिहास बताएंगे, तो सुनिए 4 फ़रवरी का ‘आज का दिन’ अमन गुप्ता के साथ.