उज्जैनहोम

बाल नृत्यांगना:30 मिनट का लाइव कथक कर आयुर्धा ने जीता फ्रेश फेस ऑफ दी ईयर पुरस्कार

30 मिनट का लाइव कथक नृत्य बगैर चूक के कर सकें इसलिए लिए शहर की बाल नृत्यांगना आयुर्धा शर्मा ने तीन दिन 12-12 घंटे तक अभ्यास किया। बाल वर्ग में पहली बार इस तरह का अभ्यास और फेसबुक पर लाइव प्रसारण हुआ था। सुबह 8 बजे वह मंच पर पहुंच जाती और रात 8 बजे तक अभ्यास करती रहती। इसका नतीजा यह हुआ कि आयुर्धा ने गुवाहाटी, ग्वालियर और फरीदाबाद की नृत्यांगनाओं को टक्कर देकर फरीदाबाद में यह पुरस्कार अपने नाम किया। वह फ्रेश फेस ऑफ दी ईयर 2020 से नवाजी गई हैं।

पं. बिरजू महाराज के कंपोज किए थुंगा-थुंगा से फाइनल में पहुंची

आयुर्धा उज्जैन निवासी हैं। उन्होंने कहा मैंने गुरु डॉ. रागिनी मक्खर और पलक पटवर्धन से नृत्य की शिक्षा ली। ईआईसीडी 2020 में मेरी यात्रा सुखद रही। साथ ही मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।

मेरी शुरुआत सेमीफाइनल परफॉरमेंस थुंगा-थुंगा से हुई, जिसे पं. बिरजू महाराज ने कंपोज किया था और मेरी गुरु डॉ. रागिनी मक्खर ने कोरियोग्राफ किया। ताल रूपक में ट्रैक शास्त्रीय कथक (बंदिश) था। जब मैंने इस ताल रूपक पर नृत्य करना शुरू किया तो मुझे आनंद आया। मेरे अगले दौर की रचना तराना की नुसरत फतेह अली खान ने की थी, जिसे डॉ. मक्खर ने कोरियोग्राफ किया।

यह मेरे लिए बहुत सुखद अनुभव था, क्योंकि तराना नुसरत सर की बहुत ही खूबसूरत कंपाेसिंग थी। मेरी चुनौती सूफी कथक का प्रदर्शन करना था, यह नया अनुभव था। मेरा अंतिम प्रदर्शन तीतल का था। मैंने पहली बार 30 मिनट का प्रदर्शन किया। मैं अपने गुरु के लिए आभारी हूं, क्योंकि केवल 3 दिन में हमने पूरे 30 मिनट के प्रदर्शन को कवर किया था।