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तनाव, बॉयकाट बेअसर! चीन फिर बना भारत का नंबर एक ट्रेड पार्टनर

साल 2020 में चीन एक बार फिर से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है. इसके पहले यानी साल 2019 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार अमेरिका हो गया था और चीन दूसरे स्थान पर था.

पिछले साल भारत-चीन सीमा पर जबरदस्त तनाव और इसके बाद देश में चीन विरोधी माहौल बढ़ने, चीनी माल के बॉयकाट जैसे अभ‍ियानों का ऐसा लगता है कि खास असर नहीं पड़ा है. साल 2020 में चीन एक बार फिर से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है.

इसके पहले यानी साल 2019 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार अमेरिका हो गया था और चीन दूसरे स्थान पर था. हालांकि उसके पहले लगातार कई साल भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर चीन ही रहा है.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर करीब एक साल चला तनाव अब खत्म होने की ओर है. दोनों ही देशों ने आपसी समझौते से सेनाओं को पीछे हटाने का फैसला किया है.

साल 2020 में भारत से द्विपक्षीय व्यापार के मामले में चीन के बाद अमेरिका और फिर संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है.

कितना हुआ व्यापार

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच पिछले साल 77.7 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 5.62 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ है. वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोविजनल डेटा से यह जानकारी सामने आई है. हालांकि यह 2019 के 85.5 अरब डॉलर के मुकाबले कम है, लेकिन इसके बावजूद चीन ने भारत के सबसे बड़े साझेदार के रूप में अमेरिका का तमगा छीन लिया है.

साल 2020 में भारत और अमेरिका के बीच 75.9 अरब डॉलर (करीब 5.48 लाख करोड़ रुपये) का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है. असल में कोरोना संकट की वजह से ज्यादातर देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार में कमी आई है.

चीन के ख‍िलाफ माहौल

पिछले साल तो भारत में चीन के ख‍िलाफ जबरदस्त माहौल था. जनता के बीच तो चीनी माल का बहिष्कार करने का अभियान चला ही, खुद सरकार ने भी चीनी कंपनियों के ख‍िलाफ काफी सख्त कदम उठाए. सैकड़ों चीनी ऐप को बैन कर दिया गया, चीन से आने वाले एफडीआई की मंजूरी प्रक्रिया को धीमा कर दिया गया .

दवा और टेक्सटाइल जैसे कई क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ा गया. लेकिन सच्चाई तो यह है कि भारत अब भी भारी मशीनरी, टेलीकॉम इक्विपमेंट, होम अप्लायंसेज जैसे कई क्षेत्रों में काफी हद तक चीन पर निर्भर है.

इसका नतीजा यह है कि साल 2020 में भारत के साथ चीन का व्यापार घाटा भी बढ़कर करीब 40 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. चीन से कुल 58.7 अरब डॉलर का आयात किया गया, जो कि अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात दोनों देशों के कुल आयात से भी ज्यादा है. हालांकि चीन को होने वाले निर्यात में भी 11 फीसदी की बढ़त हुई है. यह साल 2020 में 19 अरब डॉलर का रहा.