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NPS में निवेश के दो बड़े फायदे, Extra टैक्स सेविंग के साथ बुढ़ापे की नो-टेंशन!

निजी सेक्टर में काम करने वाले लोगों में टैक्स सेविंग को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन होते हैं. अक्सर लोग जब फरवरी और मार्च महीने में टैक्स के रूप में सैलरी से पैसे कट जाते हैं तो फिर वो सोचते हैं कि कहां निवेश करके ज्यादा से ज्यादा टैक्स सेविंग कर सकते हैं. हर कर्मचारी को 80c के तहत डेढ़ लाख रुपये तक छूट के बारे में पता है. लेकिन इससे ज्यादा कैसे बचाएं इसको लेकर सही जानकारी नहीं होती है.

सवाल- कहां निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है?

जवाब

– सबसे पहले ये जान लीजिए कि सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के ही निवेश छूट के दायरे में आते हैं. जीवन बीमा प्रीमियम, डिफर्ड एन्युटी, PPF में योगदान, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) के प्रीमियम का भुगतान, नॉन-कमुटेबल डेफर्ड एन्युटी के संबंध में भुगतान, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स में निवेश, बच्चों के एजुकेशन फीस का पेमेंट (केवल ट्यूशन फीस),अप्रूव्ड डिबेंचर्स/शेयर्स/म्यूचुअल फंड्स में निवेश, 5 साल या उससे अधिक समय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश, होम लोन के रिपेमेंट (केवल मूलधन राशि) और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में निवेश 80C के दायरे में आते हैं.

यानी इन सब में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश पर आयकर छूट पा सकते हैं. लेकिन इसके अलावा कहां निवेश कर आप तुरंत और इससे अधिक टैक्स बचा सकते हैं. इसके बारे में हम आपको बताते हैं. आपने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के बारे में जरूर सुना होगा. आज हम आपको इसमें निवेश के फायदे बताते है |

सवाल- टैक्स बचाने के लिए क्यों NPS में निवेश जरूरी?

जवाब- टैक्स बचाने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में आप अधिकतम 50,000 रुपये जमा कर सकते हैं. आयकर कानून की 80CD (1B) धारा के तहत आप NPS में की जाने वाली बचत पर 80(C) के अतिरिक्त कर लाभ उठा सकते हैं. यानी अगर आप एनपीएस में निवेश करते हैं तो फिर इसमें 50 हजार रुपये तक निवेश अलग से आयकर छूट के दायरे में आएंगे. इस तरह से आप 80C को मिलाकर कुल 2 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं.