अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था नरमी से बाहर निकल आई. इस दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर में सालाना आधार पर 0.4% की बढ़त दर्ज की गई. इसमें देश के सर्विस सेक्टर की अहम भागीदारी रही. मांग बढ़ने के चलते 2020 के बाद इस सेक्टर में जबरदस्त सुधार देखा गया है.
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था नरमी से बाहर निकल आई. इस दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर में सालाना आधार पर 0.4% की बढ़त दर्ज की गई. इसमें देश के सर्विस सेक्टर की अहम भागीदारी रही. मांग बढ़ने के चलते 2020 के बाद इस सेक्टर में जबरदस्त सुधार देखा गया है.
बढ़ा PMI सर्विस सूचकांक
निक्की आईएसएस मार्किट हर महीने कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच एक सर्वे करती है. इसके आधार पर वह मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर का अलग-अलग सूचकांक जारी करती है.
फरवरी में सर्विस सेक्टर का PMI Index 55.3 अंक रहा जो जनवरी में 52.8 अंक था. इस तरह फरवरी में सर्विस सेक्टर का जनवरी के मुकाबले अधिक विस्तार हुआ है.
PMI Index अगर 50 अंक से नीचे रहता है तो वह सेक्टर में मांग की कमी या गतिविधियों में संकुचन को दर्शाता है. जबकि 50 अंक से ऊपर रहना सेक्टर में वृद्धि की कहानी कहता है.
लगातार 5वें महीने वृद्धि
देश के सर्विस सेक्टर में लगातार 5वें महीने वृद्धि दर्ज की गई है. सर्विस सेक्टा का PMI Index 5 महीनों से 50 अंक के ऊपर बना हुआ है. मार्च 2020 में लॉकडाउन और कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते इसमें नरमी दर्ज की गई थी.
फरवरी में भी यह तेजी वैश्विक मांग कम रहने के बावजूद दर्ज की गई है. इसकी वजह सर्विस सेक्टर में घरेलू मांग का बढ़ना है.
नौकरियां वापस आने में लगेगा समय
भले देश के सर्विस सेक्टर में वृद्धि देखी जा रही हो. लेकिन तीन महीनों में इस क्षेत्र की कंपनियों ने अपने मुलाजिमों की संख्या में तेजी से कमी की है. ऐसे में इन क्षेत्रों में लोगों की नौकरियां वापस आने में थोड़ा और समय लगेगा.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी मजबूती
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का PMI Index भी फरवरी में 57.3 अंक पर रहा. यह चार महीने का उच्च स्तर है.