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स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए टेलीकॉम कंपनियों में होड़, जानें-किसने कितना लिया?

हाल तक टेलीकॉम कंपनियों की माली हालत काफी खराब थी, क्योंकि एजीआर जैसे कई मसलों की वजह से उन्हें भारी घाटा हो रहा था, लेकिन अपना अस्तित्व बचाने के लिए कंपनियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.

टेलीकॉम विभाग द्वारा की जा रही नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए कंपनियों में जबरदस्त होड़ रही. विभाग को नीलामी के दूसरे दिन मंगलवार तक कुल 77,814 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम को बेचने में सफलता मिली है.

हालांकि यह विभाग द्वारा तय लक्ष्य (3.9 लाख करोड़ रुपये) का 20 फीसदी ही है. गौरलतब है कि हाल तक टेलीकॉम कंपनियों की माली हालत काफी खराब थी, क्योंकि एजीआर जैसे कई मसलों की वजह से उन्हें भारी घाटा हो रहा था, लेकिन अपना अस्तित्व बचाने के लिए कंपनियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.

इन दो दिनों में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने कुल 855.7 MHz के स्पेक्ट्रम हासिल किए हैं, जबकि विभाग ने कुल 2251.25 MHz स्पेक्ट्रम बेचने का ऐलान किया है.

जियो सबसे आगे

रिलायंस जियो ने 800 MHz, 1800 MHz और 2300 MH बैंड के कुल 488.35 MHz स्पेक्ट्रम हासिल किए हैं. ये करीब 57,122.65 करोड़ रुपये के हैं. जियो ने अनुमानों से ज्यादा खरीद कर इंडस्ट्री के जानकारों को चौंका दिया है.

जियो के करीब 98.8 MHz स्पेक्ट्रम ही इस साल एक्सपायर हो रहे हैं, लेकिन उसने इससे करीब पांच गुना स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है. जियो का कहना है कि उससे इसका कुल स्पेक्ट्रम 1717 MHz तक हो जाएगा.

एयरटेल ने भी अच्छी रकम लगाई

दूरसंचार क्षेत्र की निजी कंपनी भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि स्पेक्ट्रम की ताजा नीलामी में उसने 18,699 करोड़ रुपये की रेडियो तरंगों का अधिग्रहण किया है. उसने कहा है कि कंपनी ने 355.45 MHz स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया है.

ये स्पेक्ट्रम 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz और 2300 MHz बैंड के हैं. इससे कंपनी को देश में सबसे मजबूत स्पेक्ट्रम होल्डिंग प्राप्त हो गई है. कंपनी ने कहा है कि इसके चलते उसे भविष्य में 5जी सेवाएं उपलब्ध कराने में सफलता मिलेगी. एयरटेल ने भी इंडस्ट्री के जानकारों के अनुमान से करीब डेढ़ गुना ज्यादा रकम खर्च की है.

कंपनी का कहना है कि अब उसके पास देशभर में गीगाहर्ट्ज उपक्षेत्र में स्पेक्ट्रम हासिल हो गया है, जिससे अब शहरों में उसकी सेवायें घरों के अंदर और भवनों में भी अच्छी कवरेज दे सकेंगी. इसके अलावा इस स्पेक्ट्रम से कंपनी की दूरसंचार सेवाएं गांवों में भी बेहतर होंगी.

दूसरी तरफ, वोडाफोन आइडिया ने सिर्फ 11.9 MHz स्पेक्ट्रम के लिए 1,993.4 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. कंपनी को इससे अपने 4जी कवरेज और क्षमता विस्तार में मदद मिलेगी.

इस बैंड का नहींं कोई खरीदार

लेकिन ऐसा लगता नहीं कि सरकार को इस नीलामी से उम्मीद के मुताबिक रकम हासिल होगी, क्योंकि किसी भी कंपनी ने 700 MHz और 2500 MHz बैंड के लिए बोली नहीं लगाई है, जो की नीलामी का करीब 40 फीसदी हिस्सा है.

एयरटेल ने कहा है कि आर्थिक लिहाज से यह बैंड उनके लिये उपयोगी नहीं बनता है. इस बैंड का आरक्षित मूल्य काफी ऊंचा रखा गया है. साल 2016 की नीलामी में भी इस बैंड के लिए बोली नहीं लगी थी, जबकि सरकार ने दो बार रेट घटा दिए थे.