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टैक्स में हेराफेरी पर UPA शासन में भी अनुराग पर हुआ था एक्शन, सीज हुए थे बैंक खाते

फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के घर पर पड़े आयकर छापों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इसे लेकर विपक्ष ने आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि ये कार्रवाई महज इसलिए हो रही है क्योंकि हाल ही में अनुराग कश्यप ने मोदी सरकार के खिलाफ टिप्पणियां की थीं, लेकिन
UPA शासन में भी अनुराग कश्यप सर्विस टैक्स के मामले में फंसे थे.

बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू और डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर आयकर विभाग के छापे पर राजनीति शुरू हो गई है. विपक्षी नेताओं द्वारा आयकर विभाग की इस कार्रवाई को डायरेक्टर अनुराग कश्यप को टारगेट करना बताया जा रहा है. लेकिन 2013 में, जब देश में कांग्रेस की अगुवाई में UPA का शासन था तब भी अनुराग कश्यप 55 लाख के सर्विस टैक्स मामले में बुरी तरह फंसे थे.

बता दें कि डायरेक्टर अनुराग कश्यप के मामले में विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के खिलाफ हाल ही में उनकी टिप्पणियों के कारण आयकर विभाग ने उनपर छापा मारा है. इन आरोपों के बीच 2013 का मामला फिर सुर्खियों में आ गया है, जिसे लेकर बीते दिन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बयान दिया, कि 2013 में तो यूपीए की सरकार थी. उस दौरान भी आयकर के छापे पड़े थे, उस दौरान तो कोई सवाल खड़ा नहीं किया गया.

बता दें कि सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर समीर वानखेडे द्वारा 2013 में बॉलीवुड हस्तियों द्वारा सर्विस टैक्स भुगतान मामले में अभियान चलाया था. डिप्टी कमिश्नर की जांच में डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर 55 लाख रुपये का सेवा कर लगाया गया, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. अनुराग कश्यप के आवास, उनके कार्यालय और अन्य ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया, जिसके बाद 22 अगस्त 2013 को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था. अनुराग कश्यप जब नहीं आए, तो उनके बैंक खाते सीज कर दिए गए.

सूत्रों की मानें तो उस दौरान हुई इस कार्रवाई के खिलाफ अनुराग कश्यप ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था. हालांकि बाद में अनुराग जांच एजेंसी के सामने पेश हुए और अपना बयान दर्ज कराया. अनुराग कश्यप ने सर्विस टैक्स का भुगतान किया, जिसके बाद उनके खातों को खोला गया था.

टैक्स के करोड़ों रुपये के घोटोले का संदेह

बता दें कि एक बार फिर फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर आयकर विभाग ने​ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. उनके आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर छापा मारने वाले आईटी अधिकारियों का मानना है कि फर्जी बिल के सहारे 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई. आयकर विभाग के मुताबिक, फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में छापे के दौरान फिल्म से घोषित आय और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में भारी अंतर के सुबूत मिले हैं.

प्रोडक्शन कंपनी के अधिकारी पूछताछ में 300 करोड़ रुपये की आय के बारे में जानकारी देने में विफल रहे. गुरुवार को आईटी विभाग ने कहा कि उनकी जांच के दौरान फिल्म से घोषित आय और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में भारी अंतर के सुबूत मिले हैं. कंपनी के अधिकारी पूछताछ में 300 करोड़ रुपये की आय के बारे में जानकारी नहीं दे पाए हैं. प्रोडक्शन हाउस के शेयरहोल्डर्स और निदेशकों को बीच शेयर बंटवारे में शेयरों की कीमत काफी दिखाये जाने के भी सुबूत मिले हैं. शुरुआती जांच में प्रोडक्शन कंपनी पर 350 करोड़ रुपये की आयकर की जिम्मेदारी बन सकती है.