होम

बिहार: मंत्री रामसूरत राय की RJD को चुनौती- गांधी मैदान मिलिए, वहीं फरिया लेंगे

मंत्री रामसूरत राय अपने ऊपर लगे आरोपों से काफी आहत नजर आए और बोलने के दौरान वो काफी ज्यादा उग्र भी दिखे. उन्होंने तेजस्वी यादव के खानदान और अपने खानदान के बीच तुलना करने के साथ ही गांधी मैदान में चलकर फरिया लेने तक की बात कह डाली.

बिहार के मुजफ्फरपुर शराबकांड में नाम आने के बाद से ही बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय लगातार सफाई दे रहे हैं कि उनका उनके भाई के साथ कोई संबंध नहीं है. जिस परिसर से शराब बरामद हुई थी, वो उनके भाई के नाम पर है, जहां कोई और किराए पर स्कूल चलाता था. हालांकि विपक्ष इस मुद्दे पर मंत्री को घेरने की कोशिश कर रहा है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे को विधानसभा में उठा रहे थे, जिसको लेकर बीते कुछ दिनों में सदन के अंदर काफी हंगामा भी हुआ. मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष की सहमति से इन आरोपों पर वाद-विवाद के क्रम में मंत्री रामसूरत राय को अपना पक्ष रखने का मौका मिला.

मंत्री रामसूरत राय अपने ऊपर लगे आरोपों से काफी आहत नजर आए और बोलने के दौरान वो काफी ज्यादा उग्र भी दिखे. उन्होंने तेजस्वी यादव के खानदान और अपने खानदान के बीच तुलना करने के साथ ही गांधी मैदान में चलकर फरिया लेने तक की बात कह डाली. मंत्री ने कहा कि पटना में उन्हें हिलाने वाला कोई नहीं है.

मंत्री रामसूरत राय ने कल सदन में कहा था, ‘आरजेडी के नेता 2010 से मुझपर अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं. मैं दूसरी बार सदन आया हूं, लेकिन यहां बैठे आधे लोग मेरे परिवार को जानते हैं. मेरे खानदान पर दाग लगाने वाले व्यक्ति को सोचना चाहिए कि उसका खानदान कैसा है. मैं पूरे खानदान का विषय सदन में रख दूंगा.’

खानदान की बात आते ही आरजेडी नेता हंगामा करने लगे. इस पर मंत्री रामसूरत राय ने कहा, ‘अगर हिम्मत है, तो शांति से बैठिए और अगर नहीं है, तो गांधी मैदान में मिलिए, वहीं फरिया लेंगे. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि पटना में कोई ऐसा नहीं है, जो मुझे हिला सकता है. मेरे भी यहां सैकड़ों रिश्तेदार हैं. लाखों यादव परिवार मेरे समर्थक हैं.’

मंत्री रामसूरत राय के उग्र व्यवहार को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें संयमित और मर्यादित ढंग से अपनी बात रखने की सलाह दी. हालांकि इस दौरान विपक्ष के नेता मंत्री के लहजे से काफी गुस्से में नजर आए. कुछ नेता वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. मामला बिगड़ता देख, बिना मंत्री की बात खत्म हुए हुए ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी.