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एंटीलिया केस: शिवसेना बोली- परमबीर सिंह पर दिल्ली की एक लॉबी का था गुस्सा

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि किसी भी हाल में इसके पीछे आतंकवाद के तार न जुड़ने के बावजूद इस अपराध की जांच में ‘एनआईए’ का घुसना, ये क्या मामला है? परमबीर सिंह पर दिल्ली की एक विशिष्ट लॉबी का गुस्सा था.

एंटीलिया केस में घिरी शिवसेना ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि किसी भी हाल में इसके पीछे आतंकवाद के तार न जुड़ने के बावजूद इस अपराध की जांच में ‘एनआईए’ का घुसना, ये क्या मामला है? परमबीर सिंह पर दिल्ली की एक विशिष्ट लॉबी का गुस्सा था.

शिवसेना ने कहा, ‘एंटीलिया के आसपास मिली संदेहास्पद कार व उसके बाद कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश का मामला निश्चित तौर पर चिंताजनक है, विपक्ष ने इस मामले में कुछ सवाल खड़े किए हैं ये सच है, लेकिन राज्य का आतंक निरोधी दस्ता इस मामले में हत्या का मामला दर्ज करके जांच कर रहा था.’

शिवसेना ने कहा, ‘इसी दौरान ‘एनआईए’ ने आनन-फानन में जांच की कमान अपने हाथ में ले ली. महाराष्ट्र सरकार को किसी तरह से बदनाम कर सकें तो देखें, इसके अलावा कोई और ‘नेक मकसद’ इसके पीछे नहीं हो सकता है. क्राइम ब्रांच के एक सहायक पुलिस निरीक्षक के इर्द-गिर्द यह मामला घूम रहा है और इसके पीछे का मकसद जल्द ही सामने आएगा.’

शिवसेना ने कहा, ‘मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत हो गई और इसके लिए सभी को दुख है, भारतीय जनता पार्टी को थोड़ा ज्यादा ही दुख हुआ है, परंतु इसी पार्टी के एक सांसद रामस्वरूप शर्मा की संसद का अधिवेशन शुरू रहने के दौरान दिल्ली में संदिग्ध मौत हो गई. शर्मा प्रखर हिंदुत्ववादी विचारोंवाले थे, उनकी संदिग्ध मौत के बारे में भाजपा वाले छाती पीटते नजर नहीं आ रहे हैं.’

शिवसेना ने कहा, ‘मोहन डेलकर की खुदकुशी के मामले में तो कोई ‘एक शब्द’ भी बोलने को तैयार नहीं है, सुशांत सिंह राजपूत और उसके परिजनों को तो सभी भूल गए हैं, मुंबई पुलिस का मनोबल गिराने का प्रयास इस दौर में चल रहा है, विपक्ष को कम-से-कम इतना पाप तो नहीं करना चाहिए, ऐसी शरारत करने से उन्हें सत्ता की कुर्सी मिल जाएगी ये भ्रम है.’

शिवसेना ने कहा, ‘मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से परमबीर सिंह को बदल दिया गया इसका मतलब वे गुनहगार सिद्ध नहीं होते, मुंबई पुलिस आयुक्त पद की कमान उन्होंने अत्यंत कठिन समय में संभाली थी, कोरोना संकट से लड़ने के लिए उन्होंने पुलिस में जोश निर्माण किया था, धारावी जैसे क्षेत्र में वे खुद जाते रहे, सुशांत, कंगना जैसे प्रकरणों में उन्होंने पुलिस का मनोबल टूटने नहीं दिया, इसलिए आगे इस प्रकरण में सीबीआई आई तो भी मुंबई पुलिस की जांच सीबीआई के पास नहीं जा सकी.’

शिवसेना ने कहा, ‘टीआरपी घोटाले की फाइल उन्हीं के समय में खोली गई, परमवीर सिंह पर दिल्ली की एक विशिष्ट लॉबी का गुस्सा था, जो कि इसी वजह से था, उनके हाथ में जिलेटिन की 20 छड़ें पड़ गर्इं, उन छड़ों में धमाका हुए बगैर ही पुलिस दल में दहशत फैलाई गई, नए आयुक्त हेमंत नगराले को साहस व सावधानी से काम करना होगा.’