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रिंग में उतरने से पहले विजेंदर की दहाड़- मेरे सामने रूसी मुक्केबाज तो अब भी बच्चा है

भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह को पेशेवर बनने के बाद अब तक किसी से भी हार का सामना नहीं करना पड़ा है. शुक्रवार को जब वह पणजी में रूस के लंबी कद काठी के प्रतिद्वंद्वी आर्टीश लोपसान के खिलाफ ‘बैटल ऑन शिप’ में उतरेंगे, तो वह अपने इस रिकॉर्ड को बढ़ाना चाहेंगे.

भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह को पेशेवर बनने के बाद अब तक किसी से भी हार का सामना नहीं करना पड़ा है. शुक्रवार को जब वह पणजी में रूस के लंबी कद काठी के प्रतिद्वंद्वी आर्टीश लोपसान के खिलाफ ‘बैटल ऑन शिप’ में उतरेंगे, तो वह अपने इस रिकॉर्ड को बढ़ाना चाहेंगे.

बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर को पेशेवर बनने के बाद अब तक एक भी मुकाबले में हार नहीं मिली है और उनका रिकॉर्ड 12-0 का है, जिसमें 8 नॉकआउट भी शामिल हैं. इस मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग (8:00 PM) ‘बुक माई शो’ और फैनकोड पर की जाएगी.

35 साल का यह मुक्केबाज शुक्रवार को ‘मजेस्टिक प्राइड कैसिनो शिप’ में काफी समय बाद रिंग में प्रवेश करेगा. उन्होंने अपना पिछला मुकाबला नवंबर 2019 में दुबई में घाना के पूर्व राष्ट्रमंडल चैम्पियन चार्ल्स एडामू के खिलाफ खेला था. उन्हें 26 साल के रूसी मुक्केबाज से कड़ी चुनौती की उम्मीद है, क्योंकि बतौर पेशेवर मुक्केबाज उनका रिकॉर्ड भी शानदार है.

लोपसान 6 फुट 4 इंच लंबे हैं और पेशेवर मुक्केबाज के तौर पर उन्होंने पिछले छह मुकाबलों में से चार में जीत हासिल की, जिसमें से दो नॉकआउट थी, जबकि उन्हें एक में हार मिली और एक ड्रॉ रहा.

दोनों मुक्केबाज यहां ट्रेनिंग में जुटे हैं. विजेंदर ने बुधवार को साल्वाडोर-डू-मुंडो बाक्सिंग हॉल में मित्र और कोच जय भगवान के साथ ‘स्पारिंग’ (किसी दूसरे के साथ अभ्यास करना) की.

विजेंदर ने कहा, ‘वह लंबा है और मैं शुरू में धीरे -धीरे आगे बढूंगा, लेकिन मुझे भरोसा है कि मैं उसे हरा दूंगा. लंबाई ही सब कुछ नहीं होती और मुक्केबाजी में आपको मजबूती और रणनीति की जरूरत होती है. मेरे पास अनुभव है और लोपसान अब भी इस लिहाज से बच्चा है. 19 मार्च के बाद भी मेरा रिकॉर्ड (नहीं हारने का) जारी रहेगा. प्रतिद्वंद्वी जितना मुश्किल हो, उसे हराने में उतना ही मजा आता है.’