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मनसुख केस: क्लोरोफॉर्म देकर किया गया बेहोश! फिर की गई हत्या

महाराष्ट्र एटीएस का मानना है कि हिरेन को बेहोश करने के लिए पहले क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. हिरेन के चेहरे पर चोट के कई निशान मिले थे.

मुंबई स्थित एंटीलिया के बाहर से मिली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत की कई परतें खुलती जा रही है. इस मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस का मानना है कि हिरेन को बेहोश करने के लिए पहले क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. हिरेन के चेहरे पर चोट के कई निशान मिले थे.

इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपी पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे और नरेश गोर से पूछताछ भी की थी और पूछा था कि हिरेन की मौत कैसे हुई? इसके साथ ही सचिन वाजे की लोकेशन तलाशने के लिए मोबाइल टॉवर और आईपी मूल्यांकन भी किया गया और कई गाड़ियों की फोरेंसिक टीम ने जांच भी की.

हत्या से पहले चेहरे पर लगी चोटें

मनसुख हिरेन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसके चेहरे पर हत्या से पहले चोट लगी थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके चेहरे के बाएं हिस्से में चोट लगी थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि हिरेन के चेहरे पर लगी चोटें उनकी मौत से पहले हुई थीं. अधिकांश अंग, खासतौर पर खोपड़ी में चोट लगी थी.

एटीएस के अधिकारियों को संदेह था कि हिरेन के चेहरे पर चोट उस वक्त लगी होगी, जब आरोपियों द्वारा उनकी नाक पर क्लोरोफॉर्म जबरन डाला जा रहा होगा. जांच में आशंका जताई गई थी कि हिरेन क्लोरोफॉर्म लेते ही बेहोश हो गया होगा और उसके बाद कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी गई थी.

मास्क के पीछे पांच रुमाल का रहस्य

मनसुख हिरेन की लाश जब मिली थी तो उसके मास्क के पीछे मुंह और नाक के अंदर रुमाल थे. पांचों रुमाल को मुंब्रा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने देखा, जो शव मिलने पर मौके पर थे. इन रूमालों को सिर्फ रोल किया गया था और मास्क के पीछे रखा गया था. अधिकारियों ने कहा था कि रूमाल उनके मुंह में थे, वे बंधे नहीं थे.

यह संदेह है कि रूमाल में क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल किया गया होगा और फिर दम घुटने से उसकी मौत हो गई होगी. इसके लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. आपको बता दें कि मनसुख के परिजनों ने पुलिस अफसर सचिन वाजे पर हत्या का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच अब एनआईए कर रही है.