पश्चिम बंगाल में तीसरे फेज की वोटिंग से पहले शनिवार को जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हुगली जिले में होंगे. हालांकि, दोनों की रैलियां अलग-अलग समय और अलग-अलग जगह होंगी.
एक तरफ ममता बनर्जी दोपहर 1:30 बजे तारकेश्वर विधानसभा में रैली करेंगी, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी 2:45 बजे हरिपाल विधानसभा में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. हालांकि, दोनों ही नेताओं का फोकस तारकेश्वर पर होगा, जो कोलकाता शहर से 63 किलोमीटर दूर एक हिंदू तीर्थ शहर है. तारकेश्वर में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी. भाजपा ने यहां से पत्रकार से नेता बने स्वपन दासगुप्ता उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं टीएमसी की तरफ से रामेंदु सिंघा रॉय मैदान में हैं.
तारकेश्वर शिव मंदिर के लिए फेमस है, जिसे बाबा तारकनाथ के नाम से जाना जाता है. यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. इस मंदिर का निर्माण 1729 में किया गया था. ये मंदिर इस शहर का सबसे बड़ा आकर्षण है.
तारकेश्वर के राजनीतिक आंकड़े क्या कहते हैं?
तारकेश्वर आरामबाग लोकसभा सीट में आता है. यहां से 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी के अपारुपा पोद्दार भाजपा के तपन कुमार राय से मात्र 1,142 वोटों से जीते थे. वहीं, 2016 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने तारकेश्वर सीट पर 50% से ज्यादा वोट हासिल किए थे. इस सीट से मौजूदा विधायक और राज्य मंत्री रछपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी, जो 2011 में भी यहीं से जीतकर आए थे. 2016 में यहां से एनसीपी दूसरे और भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी.
हालांकि, इस बार टीएमसी ने रछपाल सिंह की रामेंदु सिंघा रॉय को यहां से उतारा है. उनका मुकाबला भाजपा के स्वपन दासगुप्ता से है. माना जा रहा है कि अगर भाजपा बंगाल में जीतती है, तो स्वपन दासगुप्ता मुख्यमंत्री बन सकते हैं. दासगुप्ता भले ही राजनीति में नए हैं, लेकिन इस इलाके में उनकी अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है. वो प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के करीबियों में से हैं.
बंगाल में 6 अप्रैल को तीसरे फेज की वोटिंग
बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 फेज में वोटिंग होनी है. पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च और दूसरे फेज की वोटिंग 1 अप्रैल को हो चुकी है. अब 6 फेज की वोटिंग बाकी है. तीसरे फेज में 31 सीटों के लिए 6 अप्रैल को वोटिंग होगी. 2016 के चुनाव में टीएमसी ने यहां की 211 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां की 42 में से 18 सीटें जीती थीं. इसलिए इस बार भाजपा और टीएमसी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है.