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दक्षिण अफ्रीका में भारतीय कारोबारी गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी पर एक्शन, 13 लाख डॉलर जब्त

सहारा कंप्यूटर्स गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश द्वारा शुरू की गई पहली बड़ी आईटी कंपनी थी. गुप्ता ब्रदर्स के ऊपर आरोप है कि वे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ घनिष्ठ संबंधों के जरिये अरबों रैंड की चपत लगाने में शामिल थे.

दक्षिण अफ्रीका के रिजर्व बैंक ने गुप्ता ब्रदर्स के स्वामित्व वाली कंपनी सहारा कंप्यूटर्स के बैंक खाते से 13 लाख डॉलर से अधिक की राशि जब्त कर ली है. कई घोटालों के आरोपी गुप्ता ब्रदर्स फिलहाल खाड़ी में निर्वासित जीवन जी रहे हैं.

सहारा कंप्यूटर्स गुप्ता बंधुओं ‘अजय, अतुल और राजेश’ द्वारा शुरू की गई पहली बड़ी आईटी कंपनी थी. गुप्ता ब्रदर्स के ऊपर आरोप है कि वे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ घनिष्ठ संबंधों के जरिये अरबों रैंड की चपत लगाने में शामिल थे. पूर्व राष्ट्रपति जुमा भी अभी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. गुप्ता ब्रदर्स को दक्ष‍िण अफ्रीका से बाहर रहना पड़ रहा है.

SRB ने दी जानकारी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अफ्रीकी रिजर्व बैंक (एसएआरबी) के डिप्टी गवर्नर कुबेन नायडू ने सरकार के राजपत्र में एक नोटिस प्रकाशित कर इसकी जानकारी दी. नोटिस में बताया गया कि नेडबैंक में स्थित खाते में जमा राशि और उस पर मिले ब्याज को सरकार के द्वारा जब्त किया जाता है.

एसएआरबी ने कंपनी के एक स्थानीय बैंक खाते से लगभग 200 लाख रैंड यानी 13 लाख डॉलर जब्त किये. गुप्ता ब्रदर्स मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं. वे 1990 के दशक में नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका में लोकतंत्र की शुरुआत में बस गए थे.

कभी सितारे बुलंदी पर थे

अपनी सफलता के चरम पर सहारा कंप्यूटर, दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख आईटी आपूर्तिकर्ताओं में से एक थी. कंपनी के पास उस समय देश के शीर्ष तीन क्रिकेट स्टेडियमों में नामकरण अधिकार था और ब्रांड एंबेसडर के रूप में खेल व मनोरंजन के कई प्रमुख व्यक्ति उससे जुड़े थे.

गुप्ता परिवार अब दुबई में निर्वासन में है. दक्षिण अफ्रीका सरकारी संस्थानों से अरबों रैंड की चपत लगाने के मामले में उनकी कथित भूमिका को लेकर पूछताछ करने के लिये प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है.

गुप्ता बंधुओं का कारोबार खनन से लेकर मीडिया तक फैला हुआ था. साल 2016 में कई अनियमित सौदों की जानकारी सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका के बैंकों ने गुप्ता परिवार की कंपनियों के साथ कारोबार करने से मना कर दिया.