होम

कोरोना से इस सेक्टर पर चौतरफा मार, संभलने से पहले फिर चोट!

रोजगार के लिहाज से पर्यटन और होटल उद्योग भारत में बड़ा क्षेत्र है. इस सेक्टर में करीब 5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. लेकिन कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार इसी सेक्टर पर पड़ी है. पिछले एक साल से पर्यटन इंडस्ट्रीज पर ताला लटका हुआ है.

दरअसल, एक बार फिर कुछ राज्यों में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. जिसका असर सर्विसेज सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर समेत ट्रैवल इंडस्ट्रीज, व्यापार और कारोबार पर साफ देखने को मिल रहा है. लेकिन इसका सबसे अधिक असर ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री पर हो रहा है.

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के बाद 20 फीसद होटल अब तक नहीं खुल पाए हैं. देश में अधिकतर होटल कोरोना काल से पहले के मुकाबले 50 फीसद क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और अब महाराष्ट्र में लॉकडाउन जैसी स्थिति व अन्य राज्यों में रात्रि कर्फ्यू से उनका कारोबार और कम हो जाएगा.

होटलों के बिजनेस के लिहाज से गर्मी की छुट्टियां सबसे बड़ा सीजन होता है. घरेलू पर्यटन का 65 फीसद बिजनेस मई और जून के महीने में आता है. लेकिन पिछला पूरा सीजन ही कोविड की भेंट चढ़ गया था, और अब इस साल भी कोरोना की दूसरी लहर से टूरिज्म सेक्टर पर संकट गहरा गया है.

कोरोना महामारी के चलते अब तक भारत के हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म सेक्टर को करीब 15 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. यह क्षेत्र देश में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 5 करोड़ रोजगार मुहैया करता है. एक अनुमान के मुताबिक, कुल पर्यटन में होटल इंडस्ट्री की भागीदार 50 फीसद के करीब है.

पर्यटन के लिहाज से दुनिया में भारत 10वें नंबर पर है. एक अनुमान के मुताबिक हर साल भारत से 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग विदेश घूमने जाते हैं. वहीं साल 2019 में 1.89 करोड़ विदेशी घूमने के लिए भारत आए थे. फिलहाल टूरिज्म और होटल इंडस्ट्रीज को सारी उम्मीदें देसी सैलानियों से ही हैं. क्योंकि डॉमेस्टिक टूरिज्म से ही 60 प्रतिशत का बिजनेस आता है.