कोरोना महामारी की वजह से एक बार फिर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. बेकाबू कोरोना को रोकने के लिए कुछ राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा की गई है. जबकि कुछ राज्यों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया किया है. वहीं कुछ राज्यों ने अपनी सीमाओं पर सख्ती बढ़ा दी है.
अब धीरे-धीरे कोरोना की वजह से आवाजाही पर लगा प्रतिबंध का असर दिखने लगा है. ट्रांसपोर्ट सेक्टर को हर रोज भारी नुकसान हो रहा है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्य बी. मलकीत सिंह के मुताबिक फिलहाल हर रोज ट्रांसपोर्ट सेक्टर को 315 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में मलकीत सिंह ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन के दौरान अनिवार्य वस्तुओं को छोड़कर अन्य दुकानें बंद रहेंगी. सबसे ज्यादा का बंद का असर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. तमाम प्रतिबंधों की वजह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को हर रोज कम से कम 315 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने बताया कि अभी देश में ट्रकों की मांग में 50 फीसदी तक कमी आ गई है. फिलहाल अनिवार्य चीजों की केवल ढुलाई हो रही है, जिसमें मेडिकल गुड्स, PPE किट्स, मेडिसीन, ऑक्सीजन सिलेंडर और फुड्स आइट्मस के लिए ट्रकों का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि बाकी सेवाओं में लगने वाले ट्रक खड़े हैं.
मलकीत सिंह के मुताबिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर अभी 2020 के लॉकडाउन से हुए नुकसान से ही नहीं उबर पाए हैं. अब दोबारा जो संकट आया है इससे ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टरों की और परेशानी बढ़ गई है. फिलहाल करीब देश के 57 फीसदी हिस्से में प्रतिबंध का असर है.
कर, बीमा, सैलरी, का करना होगा प्रबंध
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों को टैक्स, बीमा की किश्त, ट्रकों की ईएमआई, ड्राइवरों और कर्मचारियों की सैलरी, प्रतिष्ठान के खर्चे वगैरह का प्रबंध करना होगा. इसे लेकर उन्होंने राज्य सरकार से राज्य के कर, परमिट और फिटनेस शुल्क, खाली खड़े ट्रकों के लिए पार्किंग फीस से छूट इत्यादि को लेकर राहत देने की मांग की है. (Photo: File)