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ऑक्सीजन प्लांट तक पहुंचने लगे विदेशों से लाए गए टैंकर, टाटा ने सिंगापुर से मंगाए

दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के कारण कुछ मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. जिससे मेडिकल ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है और अस्पतालों में आक्सीजन की कमी हो रही है.

दरअसल, देश में डिमांड से ज्यादा ऑक्सीजन का प्रोडक्शन हो रहा है. कई प्लांटों में पूरी क्षमता के साथ 24 घंटे ऑक्सीजन तैयार किए जा रहे हैं. यही नहीं, प्लांट में खपत से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक है, लेकिन सप्लाई में समस्या आ रही है.

समस्या ये है कि प्लांट से लिक्विड ऑक्सीजन को डिस्ट्रीब्यूटर तक पहुंचाने के लिए क्राइजोनिक टैंकर कम पड़ रहे हैं और रिफिलिंग के लिए सिलेंडर की कमी हो गई है. जिसके बाद सरकार के साथ-साथ देश के उद्योगपतियों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.

पिछले हफ्ते Tata Group ने लिक्विड ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए 24 क्राइजोनिक कंटेनर्स आयात करने का फैसला किया था. इस कड़ी में शनिवार शाम तक 4 क्राइजोनिक कंटेनर्स भारत पहुंच चुके हैं. सिंगापुर से चार ऑक्सीजन क्राइजोनिक कंटेनर्स विमान के जरिये भारत मंगाए गए हैं.

अब इन कंटेनर्स के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई होगी. जिससे ऑक्सीजन की किल्लत थोड़ी कम होगी. भारतीय वायु सेना को इस काम में लगाया गया है. IAF ने विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर लाने का ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है. ये कंटेनर वायुमार्ग से भारत के पूर्वी हिस्से में पहुंचे हैं, जहां से लिंडे उन्हें अपने एलएमओ प्लांट तक ले जाएगा. लिंडे के प्लांट में ये क्राइजोनिक आईएसओ कंटेनर एलएमओ के उपयोग के लिए तैयार और प्रमाणित किए जाएंगे.

इस क्राइजोनिक ऑक्सीज कंटेनर्स को ब्रिटिश मल्टीनेशनल कंपनी लिंडे ने बनाई है. इस राष्ट्रीय जरूरत में योगदान करने के लिए लिंडे इंडिया ने टाटा समूह और भारत सरकार के साथ हाथ मिलाया है, ताकि देश भर में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय किए जा सकें.