चिंतनदेश

हरियाणा के गुरुग्राम में भी ऑक्सीजन की किल्लत, दो दिन में गई 6 मरीजों की जान

गुरुग्राम के तकरीबन हर अस्पताल ने ऑक्सीजन संकट को देखते हुए मरीजों के परिजनों से ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कह दिया है. अस्पतालों ने मरीजों के परिजनों से खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा है.

कोरोना की महामारी के बीच न सिर्फ दिल्ली, बल्कि हरियाणा के गुरुग्राम में भी ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है. गुरुग्राम के तकरीबन हर अस्पताल ने ऑक्सीजन संकट को देखते हुए मरीजों के परिजनों से ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कह दिया है. अस्पतालों ने मरीजों के परिजनों से खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए कहा है.

ऑक्सीजन की कमी के कारण सेंटर ऑफ डाइबिटीज एंड एलाइड साइंसेज (सीडीएएस) में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए दो कोरोना संक्रमितों की रविवार की शाम मौत हो गई थी. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक पिछले दो दिन में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण जिले में छह मरीजों की मौत हो चुकी है. सीडीएएस के वाइस प्रेसिडेंट रघुनंदन ने आजतक से बात करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन को भी ऑक्सीजन की कमी से अवगत कराया गया था लेकिन कोई सहायता नहीं मिली.

डॉक्टर रघुनंदन ने कहा कि हम ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. स्थानीय सप्लायर ने सप्लाई से मना कर दिया है. हम मिनिमम ऑक्सीजन सप्लाई के साथ जैसे-तैसे काम चला रहे हैं, जितना मैनेज कर सकते हैं. एक अन्य अस्पताल के डॉक्टर एके कठुरिया ने कहा कि हम अब ऑक्सीजन सिलेंडर्स के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हालात जस के तस बने हुए हैं. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा जो खुद भी एक डॉक्टर है, मानेसर में सिलेंडर के लिए कतार में खड़ा है. हमें हर रोज ऑक्सीजन के 25 सिलेंडर की जरूरत है लेकिन आठ सिलेंडर भी नहीं मिल पा रहे.डॉक्टर कठुरिया ने कहा कि हम मरीजों के परिजनों से ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए कहने को मजबूर हैं क्योंकि हमें प्रशासन से भी किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रही. एक अस्पताल के सीईओ डॉक्टर पीएन कक्कड़ ने कहा कि पिछले पांच दिनों में कई दफे हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हुई. सौभाग्य से किसी मरीज की जान नहीं गई लेकिन हमने मरीजों को वापस भेजा जो दिल तोड़ने वाला है. बेबसी बयान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि हम कोशिश कर रहे हैं. हम अपने मरीजों से ऐसा नहीं कह सकते. केंद्र और राज्य की सरकार इस संकट, मेडिकल इमरजेंसी को हैंडल करने में पूरी तरह से फेल रही है.

हर गुजरते दिन के साथ खराब होते जा रहे हालात

डॉक्टर कक्कड़ ने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ हालात खराब होते जा रहे हैं. हमने मरीजों से बैकअप के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने के लिए कहा है. नरेश अग्रवाल की मां बीमार हैं. अपनी मां के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर करीब 10 घंटे से कतार में खड़े नरेश ने कहा कि मेरी मां अस्पताल के बाहर एक स्ट्रेचर पर है. ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है. कुछ भी हो सकता है. मां के साथ नहीं हूं, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कतार में खड़ा हूं. मेरा नंबर आता इससे पहले ही ऑक्सीजन खत्म होने पर दुकान का दरवाजा बंद कर दिया. कमोबेश, यही कहानी ऑटो ड्राइवर राम प्रकाश की भी है जिनकी पत्नी बीमार हैं. राम प्रकाश शहर का चक्कर काट रहे लेकिन ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हो पा रहा.

एम्बुलेंस का भी अभाव, निजी वाहन से शव ले जा रहे लोग

साइबर सिटी गुरुग्राम में एम्बुलेंस व्यवस्था भी चरमरा गई है. गुरुग्राम में एम्बुलेंस का भी अभाव हो गया है. एम्बुलेंस के अभाव में लोग निजी वाहनों से शव ले जाने को मजबूर हैं. आलम यह है कि थोड़ी दूरी के लिए भी एम्बुलेंस चालक पांच से 15 हजार रुपये तक किराया मांग रहे हैं. लोग जिला प्रशासन की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर्स पर फोन कर लगातार शिकायत कर रहे हैं. श्मशान घाट के बाहर शव लदे ऑटो और निजी वाहनों की लंबी कतार लगी है. सरकार की खोखली व्यवस्था को लेकर भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है.