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गुजरात: 2002 दंगों के आरोपी की पैसे के लेन-देन में हत्या , पैरोल पर आया थे जेल के बाहर

गुजरात दंगों में दोषी कालू ठाकोर नरोदा पाटिया हिंसा मामले में सजा काट रहा था, हाल ही में वो पैरोल पर बाहर आया था. लेकिन रविवार के दिन पैसे के लेनदेन से जुड़े मामले में दो लोगों ने उसकी एक धारधार हथियार की मदद से हत्या कर दी़.

गुजरात दंगों के मामले में जेल काट रहे एक अपराधी की अहमदाबाद में दो लोगों द्बारा हत्या कर दी गई है. ये मामला लेनदेन से जुड़े एक तकरार का बताया जा रहा है. गुजरात दंगों में अपराधी कालू ठाकोर नरोदा पाटिया हिंसा मामले में सजा काट रहा था, हाल ही में वो पैरोल पर बाहर आया था. लेकिन रविवार के दिन पैसे के ट्रांजेक्शन से जुड़े मामले में दो लोगों ने उसकी एक धारधार हथियार की मदद से हत्या कर दी गई. नरोदा पुलिस स्टेशन पुलिस ने जानकारी दी है कि इन दोनों आरोपियों को ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है.

ये घटना कृष्णानगर चौराहे के पास शनिवार रात को घटित हुई है. नरोदा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर परेश खंबाला (Paresh Khambhala) ने बताया ”ठाकोर का इन दो हत्यारोपियों के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा था. हत्या की घटना की खबर मिलने के बाद हमने आरोपियों को अरेस्ट कर लिया. इनमें से एक नाबालिग है. एक अपराधी की पहचान कमलेश चुनारा के रूप में हुई है.

आपको बता दें कि ठाकोर पर उस भीड़ में शामिल होने का आरोप है जिसने 97 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी, इनमें अधिकतर अल्पसंख्यक समाज के लोग थे. ये घटना अहमदाबाद के नरोदा पाटिया नाम की जगह पर साल 2002 की 28 फरवरी के दिन घटित हुई थी यानी कि गोदरा में साबरमती एक्सप्रेस में लगाई गई आग की घटना के ठीक एक दिन बाद.

अप्रैल, 2018 में इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने 16 लोगों को दोषी माना था जिसमें बजरंग दल के नेता बाबु पटेल भी शामिल थे, इसके अलावा कोर्ट ने 18 अन्य लोगों को बरी भी कर दिया था, इनमें भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी भी शामिल थीं. अधिकतर दोषियों को इस मामले में 21 साल कठोर कारावास की सजा दी गई थी.