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भारत पर कड़ा फैसला लेकर फंस गए ऑस्ट्रेलियाई PM, कोर्ट से भी झटका

भारत से स्वदेश लौटने की कोशिश करने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर रोक लगाने संबंधी फैसले को लेकर घिरे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को सफाई देनी पड़ी है. उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसकी संभावना बहुत कम है कि यात्रियों को 5 साल जेल की सजा हो या उन पर 66 हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगे. ऑस्ट्रेलियाई अपने प्रधानमंत्री के फैसले की कड़ी आलोचना कर रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत भारत से आने वालों पर रोक संबंधी फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई को भी तैयार हो गई है. बेंगलुरु में मार्च महीने से फंसे 73 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई गैरी न्यूमैन ने फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. इस बुजुर्ग शख्स के वकील क्रिस्टोफर वार्ड ने कहा कि उनके मुवक्किल ने संवैधानिकता, आनुपातिकता और तर्कशीलता के कई आधारों पर प्रतिबंध को चुनौती दी है.

हालांकि, बढ़ती आलोचना के बीच स्कॉट मॉरिसन का रुख अब नरम पड़ गया है. टेलीविजन चैनल Nine’s Today ने स्कॉट मॉरिसन के हवाले से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कहना उचित होगा कि इन सजाओं के कहीं भी उनके सबसे चरम रूपों में लागू होने की संभावना है, लेकिन यह एक तरीका है, यह सुनिश्चित करने का कि हम कोरोना वायरस को वापस आने से रोक सकें.’

स्कॉट मॉरिसन ने अपने बचाव में कई दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि पाबंदी सरकार को दुनिया के अन्य हिस्सों से उड़ानों को प्रतिबंधित करने से रोकने के लिए था. बकौल स्कॉट मॉरिसन, “अगर हमने ऐसा नहीं किया होता, तो हमें दोहा और UAE से और अन्य जगहों से, यहां तक कि जापान से भी उड़ानें बंद होने का खतरा था. इससे अन्य ऑस्ट्रेलियाई लोगों को घर आने से रोका जा सकता था.’

असल में, ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में अपने नागरिकों समेत उन लोगों के देश लौटने पर रोक लगा दी, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया वापस आने से पहले भारत में 14 दिन बिताए हैं. स्कॉट मॉरिसन का कहना था कि यह देश के सर्वोत्तम हित में है. यह कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोकेगा.

स्वेदश लौटने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के लिए देश के क्वारनटीन सिस्टम में सुधार करने पर मॉरिसन ने कहा कि डार्विन में हावर्ड स्प्रिंग्स में क्वारनटीन केंद्र को लेकर उनकी सरकार पहले ही 500 मिलियन डॉलर का निवेश कर चुकी है. मई के अंत तक इस क्वारनटीन सेंटर की लोगों के रखने की क्षमता 800 से 2000 तक बढ़ाई जानी है.

मॉरिसन ने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहा कि क्वारनटीन सेंटर में आने वाले लोगों का ख्याल नहीं रखा जाएगा. हमने काम किया है. हम भारत से ऑस्ट्रेलियाई लोगों को लाएंगे.’ एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 9 हजार ऑस्ट्रेलिया के लोग फंसे हुए हैं.

पीएम मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया में बसने वाले भारतीय समुदाय के लिए भी फेसबुक पर स्पेशल संदेश लिखा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे मालूम है कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों के लिए यह बहुत मुश्किल समय है. आप एक उदार और दयालु समुदाय हैं जिन्होंने इस देश के लिए अद्भुत योगदान दिया है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने भारतीय समुदाय के बहुत अभारी हैं. मुझे पता है कि यह बहुत दर्द भरा वक्त है. पीएम ने कहा कि उन्हें इसलिए इतने कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा घातक है. पीएम ने कहा, ‘मैं ऑस्ट्रेलिया में कोरोना की तीसरी लहर नहीं देख सकता हूं.’

फेसबुक पर लिखे पोस्ट में स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया लौटने वाले लोगों पर हमने अस्थायी तौर पर 15 मई तक सिर्फ रोक लगाई है. यह रोक बिल्कुल अस्थाई है. इसकी जगह जैसे ही हम वैकल्पिक इंतजाम कर लेते हैं, लोग भारत से ऑस्ट्रेलिया आने में सक्षम होंगे. हम भारत से आने वालीं फ्लाइट्स को बहाल करेंगे और ऑस्ट्रेलियाई लोगों को लाएंगे. लेकिन हमें यह सब सुरक्षित तरीके से करना है. लिहाजा हमने अस्थायी तरीके से रोक लगाई है.

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत से ऑस्ट्रेलिया आने वाले लोगों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होनी आवश्यक है. हम उड़ान भरने से पहले ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए कोरोना के रैपिड एंटीजन टेस्ट का इंतजाम करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत की मुहैया कराई गई मदद की भी जानकारी दी.