वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान आर्थिक गतिविधियों में सुधार की वजह से सरकार की राजकोषीय स्थिति मजबूत हुई है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का पहली की तुलना में इकोनॉमी पर कम असर होगा. अप्रैल महीने के लिए जारी अर्थव्यवस्था की समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने यह बात कही है.
हालांकि वित्त मंत्रालय ने यह स्वीकार किया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर से वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के नीचे गिरने का जोखिम बना हुआ है.
क्या है रिपोर्ट में
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘यह उम्मीद करने की कई वजहें हैं कि पहली लहर की तुलना में इस बार आर्थिक असर मंदा रहेगा. अंतरराष्ट्रीय अनुभव इस बारे में आशा की किरण जगाते हैं कि दूसरी लहर में अर्थव्यवस्था में लचीलापन रहेगा.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान आर्थिक गतिविधियों में सुधार की वजह से सरकार की राजकोषीय स्थिति मजबूत हुई है.
टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़त
रिपोर्ट मे कहा, वित्त वर्ष 2020-21 में शुद्ध प्रत्यक्ष टैक्स संग्रह संशोधित अनुमान से 8.2 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 12.3 फीसदी ज्यादा हुआ है. इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सेंट्रल जीएसटी का संग्रह संशोधित अनुमान से 106 फीसदी ज्यादा है और इसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह 8 फीसदी कम है.’
रिपोर्ट में कहा गया है,’वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में जीएसटी कलेक्शन हर महीने 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. इसके बाद अप्रैल में तो जीएसटी कलेक्शन ने 1.41 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड उंचाई छू ली. इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था लगातार सुधार की ओर बढ़ रही है.’
आयात-निर्यात में उछाल
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल 2021 में आयात में 166 फीसदी और निर्यात में 197 फीसदी की बढ़त हुई है. इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार किस तरह से हो रहा है.