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अपैरल इंडस्ट्री में अच्छे दिनों के संकेत! ​H&M और Zara जैसे ब्रांड से आने लगे नोएडा के निर्यातकों को ऑर्डर

कई राज्यों में लॉकडाउन में कुछ नरमी के बाद अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का भरोसा लौटा है. H&M और Zara जैसे ब्रांडेड कपड़ों के कई दिग्गज अंतरराष्ट्रीय रिटेल चेन ने नोएडा के निर्यातकों को ऑर्डर देने शुरू कर दिए हैं.

कोरोना की दूसरी लहर से परेशान इकोनॉमी के लिए अब अच्छे संकेत मिलने लगे हैं. कोविड महामारी पर नियंत्रण की खबरों के बीच यह भी अच्छी खबर है कि ​H&M और Zara जैसे ब्रांडेड कपड़ों के कई दिग्गज अंतरराष्ट्रीय रिटेल चेन ने नोएडा के निर्यातकों को ऑर्डर देने शुरू कर दिए हैं.

कई राज्यों में लॉकडाउन में कुछ नरमी के बाद अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का भरोसा लौटा है. नोएडा अपैरल एक्सपोर्टर्स क्लस्टर (NAEC) के प्रेसिडेंट ललित ठकराल ने बताया, ‘स्वीडन के H&M, ब्रिटेन के मार्क्स ऐंड स्पेंसर, स्पेन के जारा और कई अमेरिकी अपैरल इम्पोर्टर्स ने फिर ऑर्डर दिए हैं. अंतरराष्ट्रीय निर्यातकों के 10 से 15 फीसदी ऑर्डर दूसरे देशों की तरफ चले गए थे, लेकिन अब वे वापस आ रहे हैं.’

गौरतलब है कि नोएडा में करीब 3,000 अपैरल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं और यह देश में परिधान उत्पादन का प्रमुख केंद्र है. नोएडा को ‘टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस’ का दर्जा दिया गया है. महामारी से पहले भारत से हर साल करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये का गारमेंट एक्सपोर्ट होता था, जिसमें से नोएडा का हिस्सा करीब 25,000 करोड़ रुपये के आसपास होता था.

ठकराल ने बताया, ‘यूरोप और अमेरिका अब काफी हद तक खुल चुके हैं. उनके नागरिकों को वैक्सीन लग रहे हैं और बिक्री परवान चढ़ रही है. इसलिए उनको माल की जरूरत है. भारत में भी हालात सुधर रहे हैं, खरीदारों को भी यह भरोसा है कि हम उनके ऑर्डर टारगेट को अब पूरा कर सकते हैं.’

बड़े पैमाने पर नौकरियां गई थीं

गौरतलब है कि भारत के गारमेंट एक्सपोर्ट के लिए यूरोप और अमेरिका सबसे बड़े मार्केट हैं. कोरोना महामारी की वजह से इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर नौकरियां चली गई थीं, क्योंकि पिछले एक साल से बहुत से कारखाने खामोश पड़े थे. इस सेक्टर में करीब 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है.

तमिलनाडु और कर्नाटक के दूसरे परिधान निर्यात केंद्रों के विपरीत उत्तर प्रदेश में कामकाज शुरू करने की इजाजत दे दी गई है. हालांकि एनएईसी ने कहा है कि वे मजदूरों की तंगी का सामना कर रहे हैं. कोविड की दूसरी लहर शुरू होने और पंचायत चुनाव के समय बहुत से कामगार अपने गांव लौट गए हैं. इसकी वजह से अमेरिका और यूरोप के खरीदारों ने अपने ऑर्डर बांग्लादेश और वियतनाम जैसे दूसरे देशों को भेजने शुरू कर दिए थे. लेकिन अब वे वापस आने लगे हैं.

कामगारों के लिए वैक्सीनेशन की व्यवस्था

ठकराल ने बताया कि नोएडा के परिधान इंडस्ट्री ने अपोलो, मेट्रो, कैलाश और फोर्टिस जैसे अस्पतालोंं के साथ मिलकर अपने कामगारों के लिए कोविड वैक्सीनेशन की व्यवस्था की है. गौरतलब है ​कि यह सेक्टर कोरोना से सबसे बुरी तरह से प्रभावित सेक्टर में से हैं और इसे सरकार के करीब 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज से भी कोई फायदा नहीं मिला है.