उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में गोमती नदी (Gomti River) के किनारे बने रिवर फ्रंट (River Front) से जुड़े घोटाले (Scam) को लेकर सीबीआई (CBI) ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी (CBI Raid) की है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में गोमती नदी (Gomti River) के किनारे बने रिवर फ्रंट (River Front) से जुड़े घोटाले (Scam) को लेकर सीबीआई (CBI) ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी (CBI Raid) की है. इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल (West Bengal) और राजस्थान (Rajasthan) में भी छापेमारी की है.
अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने नया मामला भी दर्ज किया है. यूपी में 40, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक सहित 42 स्थानों पर सीबीआई तलाशी ले रही है.रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में यह सीबीआई की दूसरी एफआईआर है. इस केस में कुल 189 आरोपी हैं. यूपी में लखनऊ के अलावा, नोयडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा में सीबीआई ने छापेमारी की है.
बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा में भी सीबीआई की छापेमारी
बुलंदशहर में कॉन्ट्रैक्टर राकेश भाटी के आवास पर सीबीआई ने रेड की है. यह रेड रिवर फ्रंट घोटाला मामले से जुड़ी बताई जा रही है. राकेश भाटी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. उनके घर के अंदर सीबीआई की टीम खोजबीन और जांच में जुटी हुई है कई घंटे जुटी रही. इसके अलावा तत्कालीन एसई रूप सिंह यादव के ग्रेटर नोएडा ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की है. ओमेक्स एनआरआई सिटी C 409E पर सीबीआई की टीम 9 बजे पहुंची और फिर 10:30 बजे रवाना हुई.
गौरतलब है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बने रिवर फ्रंट को समाजवादी पार्टी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से ही इसमें बड़े घोटाले के आरोप लगते रहे थे. यूपी में योगी सरकार आने के बाद इसकी प्रारंभिक जांच के बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था. अब सीबीआई इस घोटाले के बड़े जिम्मेदारों पर अपना शिकंजा कस रही है.
बता दें कि करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम इस मामले की जांच कर रही थी. राज्य सरकार ने तीन साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी.