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Tokyo के बाद अब सिंधु की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर, कहा- सफर अभी रुकेगा नहीं…

पीवी सिंधु ने कहा कि आज के समय में ब्रॉन्ज मेडल देश के लिए जीतना काफी गर्व करने वाला क्षण है. चीनी ताइपे की खिलाड़ी के साथ हारने के बाद काफी इमोशनल हो गई थी.

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल (Bronze Medal) अपने नाम करने वालीं भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने सपोर्ट करने के लिए लोगों का धन्यवाद किया है.

सिंधु ने रविवार को टोक्यो ओलंपिक में चीन की बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 के दो सीधे गेमों में हराकर इतिहास रच दिया था. वे दो ओलंपिक में मेडल जीतने वालीं पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं.

पीवी सिंधु कि गोल्ड मेडल न मिलने का उन्हें ज्यादा दुख है या फिर ब्रॉन्ज मेडल जीतने की ज्यादा खुशी है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज के समय में ब्रॉन्ज मेडल देश के लिए जीतना काफी गर्व करने वाला क्षण है. चीनी ताइपे की खिलाड़ी के साथ हारने के बाद काफी इमोशनल हो गई थी. अब जब ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबला हुआ, तो मैंने तय किया कि इसे देश के लिए जीतना ही है. अभी मेरे लिए ब्रॉन्ज मेडल मेरे लिए काफी बड़ा है. देश के लिए मेडल जीतना काफी बड़ी बात है और मैं दो बार देश के लिए यह लेकर आई हूं. पिछली बार रियो ओलंपिक और इस बार टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीता.

वहीं, पीएम मोदी के साथ आइसक्रीम खाने के सवाल पर पीवी सिंधु ने कहा, ”पीएम सर से मैंने बात की थी. उन्होंने आइसक्रीम की बात कही थी. जरूर मैं आइसक्रीम खाऊंगी.” उन्होंने आगे कहा कि जब मैं मैदान पर उतरी तो मैंने सोचा कि मुझे अपना बेस्ट देना है और मेडल जीतना है. दबाव जरूर होता है, क्योंकि लोग कहते हैं कि इस बार भी मेडल लेकर आना है, लेकिन जब हम कोर्ट में उतरते हैं तो एक ही बात रहती है मन में कि हम अच्छा खेलें. वहीं, अगले पेरिस ओलंपिक को लेकर सिंधु ने कहा कि मैं अपना बेस्ट दूंगी.

इससे पहले, देशभर से मिले समर्थन के लिए पीवी सिंधु ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, ”मैं दिल की गहराइयों से लोगों द्वारा दी गई बधाई के लिए धन्यवाद कहती हूं.” टोक्यो ओलंपिक का अनुभव ऐसा रहा है, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगी, 5 साल की तैयारी से लेकर मेडल पोडियम पर कदम रखने तक- हर पल मेरे साथ हमेशा के लिए यादगार बन गया है. एक दिन हो चुका है, लेकिन अब भी मेरे पास ओलंपिक मेडल को पकड़ने की भावना का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं है. यह हमेशा से सपना रहा है जोकि पूरा हुआ.

पीवी सिंधु ने आगे कहा कि मेरी यह खुद की अकेली जर्नी नहीं रही है. मैं उन लोगों को भी धन्यवाद करती हूं जोकि मेरे साथ लगातार बने रहे. मैं सभी को धन्यवाद नहीं कर सकती, लेकिन यह जान लें कि हर उस व्यक्ति के लिए मैं आभारी हूं, जो मेरे साथ रहा और यह जर्नी यहीं नहीं रुकेगी.

पीवी सिंधु ने मेडल अपने नाम करने के बाद कहा था कि टोक्यो ओलंपिक अभियान उनके लिए कठिन था और ब्रॉन्ज रियो ओलंपिक में उनके सिल्वर मेडल की तुलना में जीतना ज्यादा कठिन था. उन्होंने कहा था कि बहुत लोगों को उम्मीद भी नहीं थी कि वह साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतेंगी. उन्होंने कहा, ”टोक्यो ओलंपिक में दबाव काफी ज्यादा था. पिछला मैच हारने के बाद दिमाग में बहुत सारे इमोशंस चल रहे थे, लेकिन अपने खेल पर ध्यान लगाने के लिए कड़ी मेहनत की.”

पीवी सिंधु और चीनी खिलाड़ी बिंग जियाओ के बीच 53 मिनट तक मुकाबला चला था, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी. पहले गेम से ही सिंधु चीनी खिलाड़ी की तुलना में काफी बेहतर नजर आई थीं. हालांकि, दूसरे गेम में बिंग जियाओ ने सिंधु को जरूर कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन अपने शानदार खेल की बदौलत सिंधु ने मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया था.