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GST कलेक्शन से एक ही दिन में डबल पैसा कमा गए शेयर बाजार निवेशक!

शेयर बाजार (Stock market) के लिए अगस्त का पहला हफ्ता बेहद शानदार रहा. निफ्टी (Nifty) ने 3 अगस्त को 16 हजार के बैरिकेड को तोड़ दिया. जैसे ही निफ्टी ने कारोबार के दौरान 16000 के आंकड़े को पार किया, निवेशकों (investor) में खुशी की लहर दौड़ गई. कारोबार के आखिरी में निफ्टी 16,130.75 अंक पर बंद हुआ.

इसकी तरह मंगलवार को सेंसेक्स (Sensex) 872 अंक बढ़कर 53,823.36 अंक पर बंद हुआ. जबकि निफ्टी ने 245 अंकों का छलांग लगाया. जैसे ही निफ्टी ने कारोबार के दौरान 16000 के आंकड़े को पार किया, निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई. निफ्टी ने पिछले 120 सत्रों में 15 हजार से 16,000 के सफर को तय किया है. निफ्टी ने 5 फरवरी 2021 को 15 हजार का स्तर को पार किया था.

शेयर बाजार (Share market) शानदार मजबूती की वजह से 3 अगस्त को BSE में लिस्टेड फर्मों का मार्केट कैप बढ़कर 240 लाख करोड़ रुपये हो गया. जबकि पिछले सत्र में मार्केट कैप 237.7 लाख करोड़ रुपये था. यानी एक ही दिन में निवेशकों का पैसा 2.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया है. जबकि पूरे जुलाई महीने जीएसटी (GST) कलेक्शन 1.16 लाख करोड़ रुपये रहा.

बाजार में शानदार तेजी से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) का मार्केट कैप बढ़कर 13.23 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके बाद TCS का मार्केट कैप 12.15 लाख करोड़ रुपये, HDFC Bank का मार्केट कैप 7.94 लाख करोड़ रुपये, Infosys का मार्केट कैप 7.04 लाख करोड़ रुपये, HUL का मार्केट कैप 5.62 लाख करोड़ रुपये, ICICI Bank का मार्केट कैप 4.78 लाख करोड़ रुपये और HDFC का मार्केट कैप 4.61 लाख करोड़ रुपये है.

बाजार में तेजी की वजह

कोरोना के मामले घटने से इकोनॉमी (Economy) में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. जुलाई 2021 में जीएसटी कलेक्शन (Gst Collection) बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इससे पहले जून-2021 में जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से कम यानी 92,849 करोड़ रुपये रहा था. जबकि जुलाई-2020 में जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ रुपये रहा था.

साथ ही इंडस्ट्रियल सेक्टर में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. कोर सेक्टर का आउटपुट जून में सालाना आधार पर 8.9 फीसदी बढ़ा है. इसके अलावा भारत का एक्सपोर्ट आंकड़ा भी सालाना आधार पर सुधरा है. देश की बिजली की खपत जुलाई में करीब 12 फीसदी बढ़कर 125.51 अरब यूनिट (बीयू) पर पहुंच गई. यह महामारी पूर्व के स्तर के लगभग बराबर है.