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तालिबान की वापसी ने बढ़ाई चिंता, काबुल के गुरुद्वारे में 320 से ज्यादा हिंदू-सिखों ने शरण ली

अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में वहां रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को भी अब डर सताने लगा है. बताया जा रहा है कि काबुल स्थित एक गुरुद्वारे में 300 से ज्यादा हिंदू और सिख रुके हुए हैं. उनसे तालिबान के नेताओं ने भी बात की है और सुरक्षा का भरोसा दिलाया है.

अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. तालिबान (Taliban) के लौटते ही वहां हिंसक घटनाएं होने लगीं हैं. काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर अफरा-तफरी मची हुई है. लोग जान बचाने के लिए किसी भी कीमत पर देश छोड़ने को तैयार हैं. इस बीच अफगानिस्तान में रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को भी अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है. बताया जा रहा है कि काबुल स्थित एक गुरुद्वारे में 300 से ज्यादा हिंदुओं और सिखों ने शरण ली है.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने दावा किया है कि काबुल के गुरुद्वारा करता परवन (Karte Parwan gurdwara) में कई हिंदुओं और सिखों ने शरण ली हुई है. उन्होंने बताया कि वो अफगानिस्तान में सिखों और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर काबुल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष से लगातार संपर्क में हैं.

मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया, ‘मैं लगातार काबुल गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष और संगत से संपर्क में हूं. उन्होंने मुझे बताया है कि 320 से ज्यादा लोग करता परवन गुरुद्वारे में हैं. इनमें करीब 50 हिंदू और 270 से ज्यादा सिख हैं.’

उन्होंने ये भी बताया कि तालिबानी नेताओं (Taliban Leaders) ने उनसे मुलाकात की है और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. सिरसा ने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान में बदलाव के बावजूद हिंदू और सिख सुरक्षित वहां से आ जाएंगे.

विदेश मंत्रालय ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां से भारतीयों को निकालने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने बताया कि अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने के लिए अफगानिस्तान सेल (Afghanistan Cell) बनाई गई है. अगर किसी को भी मदद चाहिए तो वो +919717785379 पर फोन या MEAHelpdeskIndia@gmail.com पर ईमेल कर सकता है. इससे पहले अरिंदम बागची ने बताया था कि भारत पहले से ही अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों से संपर्क में बना हुआ है.