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पंजशीर में जंग तेज, अफगान लड़ाकों ने तालिबान को ऐसे जाल में फंसाया, 300 तालिबानी ढेर

अफगानिस्तान के पंजशीर, अंदराब, बगलान प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. ये क्षेत्र अहमद मसूद का है, साथ ही यहां पर अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी रुके हुए हैं.

अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) पर कब्जा जमाकर भले ही तालिबान (Taliban) ने अपनी सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हो, लेकिन अभी भी वो एक मिशन से दूर है. अफगानिस्तान के पंजशीर (Panjshir) पर तालिबान अभी तक कब्जा नहीं कर पाया है और जिस तरह के हालात हैं उसके लिए ये जंग जीतना आसान नहीं है.

अफगानिस्तान के पंजशीर, अंदराब, बगलान प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. ये क्षेत्र अहमद मसूद का है, साथ ही यहां पर अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी रुके हुए हैं.

नॉर्दन एलांयस वही गुट है, जिसने अब से 20 साल पहले तालिबानियों, रूसी सेना को टक्कर दी थी. अब एक बार फिर तालिबान के खिलाफ सबसे बड़ी दीवार बनकर ये लड़ाके सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने इस इलाके में हमला करना चाहा था, लेकिन वह नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों के चंगुल में आ गए.

दावा किया जा रहा है कि करीब 300 तालिबानियों को मौत के घाट उतार दिया गया है. हालांकि, ये लड़ाई अभी थमी नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर का रुख किया है, जहां उनकी कोशिश इस इलाके पर पूरी तरह से कब्जा जमाने की है.

अफगान लड़ाकों के जाल में फंसा तालिबान

अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर की सीमाओं पर जारी जंग को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने बताया कि अंदराब घाटी में तालिबानी हमारे लड़ाकों के ट्रैप में फंस गए. आगे लिखा है कि अब तालिबानी पंजशीर की सीमा पर बड़ी संख्या में आ गए हैं. लेकिन, सालांग हाइवे हमारे लड़ाकों के पास है.

गौरतलब है कि पंजशीर और आसपास के इलाकों में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने मोर्चा संभाला हुआ है. बगलान प्रांत के तीन जिलों को तालिबान के कब्जे से छुड़ा भी लिया गया है, साथ ही अहमद मसूद ने साफ कर दिया है कि वह किसी के साथ जंग नहीं चाहते हैं, लेकिन तालिबान अगर आगे बढ़ेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

पंजशीर को छोड़कर तालिबान पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा चुका है. काबुल में तालिबानी लीडरशिप मौजूद है, सभी की ओर से नई सरकार बनाने की कवायद की जा रही है. तालिबानी लड़ाकों द्वारा अफगानिस्तान के अलग-अलग तबकों से मुलाकात की जा रही है, लेकिन मुल्क के कई हिस्सों में तालिबान के खिलाफ लोग सड़कों पर भी उतरे हैं.