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अवैध कब्जा, हजारों परिवार…क्या है असम के दरांग में हुए बवाल के पीछे की कहानी?

असम के दरांग जिले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस की स्थानीय लोगों के साथ भिड़ंत हो गई. गुरुवार को इस घटना में दो की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए. ये पूरा विवाद क्यों छिड़ा है, जानिए…

असम के दरांग जिले में गुरुवार को हुए बवाल में दो लोगों की मौत हुई है. अतिक्रमण हटाने गई पुलिस की स्थानीय लोगों के साथ भिड़ंत हो गई, जिसमें पुलिस फायरिंग में इन लोगों की जान गई. करीब दो दर्जन लोग इस घटना में घायल भी हुए हैं. असम में पिछले कुछ वक्त में इस तरह की हिंसा की ये दूसरी घटना है, पहले मिजोरम के साथ सीमा विवाद के दौरान बवाल दिखा था.

ये पूरा विवाद अतिक्रमण को लेकर हुआ था, इसके पीछे की क्या कहानी है और क्यों हिंसा तक बात पहुंच गई, समझते हैं…

असम के दरांग जिले के सिपाहझार इलाके में असम की सरकार कम्युनिटी फार्मिंग करना चाहती है. लेकिन यहां की करीब 25 हज़ार एकड़ ज़मीन पर 3000 परिवारों का कब्जा है. असम सरकार का आरोप है कि परिवारों ने अवैध रूप से ज़मीन कब्जाई है. सरकार ने फार्मिंग की स्कीम लाकर बिना ज़मीन वाले परिवार को दो एकड़ ज़मीन देने की बात कही थी, लेकिन दोनों पक्ष एकमत पर नहीं आ पाए.

असम सरकार का कहना है कि कम्युनिटी फार्मिंग के लिए मूलरूप से 3000 एकड़ तक जमीन चाहिए थे, दो दिन से प्रक्रिया चल रही थी और 1000 एकड़ ज़मीन खाली करवाई गई. लेकिन गुरुवार को अचानक लोगों की तरफ से पत्थरबाजी की गई, जिसके बाद पूरा बवाल शुरू हुआ. असम सरकार ने अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम करने की बात कही है.

बीते दिन कैसे शुरू हुआ था बवाल…

गुरुवार को जब इस इलाके में बवाल हुआ, तब यहां ही मौजूद रहे सुकुर अली ने पूरा किस्सा बताया. सुकुर के मुताबिक, ‘धोलपुर में दो जगह ये बवाल शुरू हुआ था, जब कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू की थी. कुछ गांव वालों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था.’ बवाल के एक दिन बाद भी असम के इस क्षेत्र में तनाव बरकरार है. सुरक्षाबलों ने इस इलाके में अपना कैंप लगाया है.

अभी कुछ दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा यहां से जुड़ा एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे पुलिस ने करीब 4500 बीघा ज़मीन खाली करवा ली है, वहां मौजूद 800 परिवारों को हटाया गया है और कुछ अवैध धार्मिक स्ट्रक्चर भी हटाए गए हैं.

असम में हुए इस बवाल को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा. राहुल ने कहा था कि असम में राज्य द्वारा ही आग लगाई जा रही है, वह इस कृत्य की निंदा करते हैं. राहुल गांधी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों, स्थानीय नेताओं ने बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए.