आलेखविशेषहोम

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से मंत्री श्री कमल पटेल का बचपन में देखा सपना हो रहा साकार (जन्मदिन-6 अक्टूबर पर विशेष)

क्रांतिदीप अलूने जन-कल्याण और सुराज अभियान गाँवों के स्वर्णिम विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। लोक-कल्याण की असीम संकल्पना लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान हरदा से स्वर्णिम इतिहास रच रहे हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीण जन, किसान, खेतिहर मजदूर और समाज के हर तबके के लिए वरदान बन कर आई है। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल के जन्मदिन पर उनकी जन्म-स्थली हरदा में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का राज्य स्तरीय आयोजन हो रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होना सुशासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और श्री कमल पटेल के प्रति प्यार प्रदर्शित करता है। समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के 19 जिलों के 3000 गाँवों के एक लाख 71 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अधिकार अभिलेख वितरित करेंगे। यही वह सपना है, जो श्री कमल पटेल ने बारंगा में बचपन में देखा था कि गाँव के लोगों को गाँव में मौजूद उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिले। सुशासन की दृष्टि से जिस सपने को साकार करने के लिए वे अपने राजनीतिक जीवन में संकल्पबद्ध रहे हैं वह बचपन का सपना 6 अक्टूबर को साकार हो रहा है। एक मायने में जन्मदिन पर उनके जीवन का अब तक का यह सबसे बड़ा उपहार है।

ग्राम स्वराज और ग्रामीण विकास की खूबियों से निर्मित भारतीय लोकतंत्र ग्रामीण नेतृत्व से परिष्कृत माना जाता है। ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था वाला हरदा जिला खासतौर पर कृषकों के नवाचार के लिए पहचाना जाता है। इसी जिले के एक छोटे से गाँव बारंगा में रहने वाले किसान श्री हरनाथ पटेल के यहाँ 1961 में जन्में श्री कमल पटेल का बचपन खेतों की मेड़ों पर ही खेलते हुए बीता। देश में यह वह दौर था, जब किसानों के सामने खुद को बचाए रखने की अनगिनत चुनौतियाँ थीं। इन चुनौतियों के बीच कमल पटेल ने किसानों के जीवन में समस्याओं और कष्टों को देखा भी और भोगा भी। उनके सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर इसकी छाप आज भी देखी जाती है। उसी तड़प का परिणाम है कि वे किसानों के हितों के लिये दिन-रात एक किये रहते हैं।

आज़ादी के बाद देश आठवें दशक में कुलांचे भर रहा है और मध्यप्रदेश का किसान खुशहाली के पंख लगाकर नित नए कीर्तिमान रच रहा है। यहाँ श्री कमल पटेल के किसानों के जीवन को बेहतर करने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों की बात करना बेहद प्रासंगिक है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से भारत के करोड़ों लोगों के जीवन में खुशहाली और बदलाव लाने की बात कही, तो श्री पटेल का वह सपना साकार हो गया जो वे बचपन से जिया करते थे।

गौरतलब है कि लगभग डेढ़ दशक पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सरकार में राजस्व मंत्री के बतौर जन सेवा करते हुए श्री कमल पटेल ने किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए भू-अधिकार पुस्तिका की अनूठी पहल की थी। यह पुस्तिका, बैंक-पासबुक के समान पट्टा, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका संबंधी कृषक का भूमि के स्वामित्व संबंधी आवश्यक दस्तावेज है। इसमें उस हल्के में धारित कुल भूमि का हिसाब एवं राजस्व लेन-देन का हिसाब होता है। इस पुस्तिका के दूरगामी परिणाम हुए और इस पहल का किसानों के जीवन पर गहरा असर देखने को मिला। कालांतर में राष्ट्रीय स्तर पर परिकल्पना को मूर्तरूप मिला और आज उसका सफल परिणाम सबके सामने है।
भारत गाँवों का देश है। ग्राम यहाँ की अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। गाँवों में किसान सर्वाधिक हैं। गाँवों के विकास के लिये ज़रूरी है कि वहाँ विद्यमान समस्याओं को दूर किया जाए। इन समस्याओं को दूर कर देश की कृषि अर्थ-व्यवस्था में स्थायी सुधार लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गाँवों में किसानों के साथ मौजूद खेतिहर मजदूर वे व्यक्ति हैं, जो कृषि क्षेत्र में मजदूरी करते हैं, इनके पास बहुत थोड़ी भूमि होती है। सीमांत किसानों से तात्पर्य ऐसे किसानों से है, जिनके पास एक हेक्टेयर से कम भूमि है, जबकि 1 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर भूमि वाले लघु किसान माने जाते हैं। इन किसानों को जमीन के मालिकाना हक के बगैर संकटों का सामना करना पड़ता था, उन्हें बैंकों से भी मदद मिलने में बड़ी मुश्किलें आती रहीं। इन तमाम मुश्किलात के निदान के लिये प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना वरदान बन कर आई है। कृषि मंत्री श्री कमल पटेल कहते हैं कि किसान पुत्र अब खेती के साथ उद्योग-धंधे लगाने में समर्थ और सक्षम बनेंगे, क्योंकि योजना से कृषकों को उनके मालिकाना की संपत्ति पर बैंकों से ऋण प्राप्त हो सकेगा।

मंत्री श्री कमल पटेल उस दिन बेहद प्रसन्न दिखाई दिये, जब प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की जिन 6 राज्यों से शुरुआत हुई, उसमें मध्यप्रदेश को भी शामिल किया गया। उन्होंने योजना पर तुरंत अमल करवाया और प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के एक साल पूर्ण होते-होते देश में हरदा जिले को एक ऐसा जिला बना दिया, जिसने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना संबंधी सम्पूर्ण दस्तावेज शत-प्रतिशत तैयार कर लिये। साथ ही जिले के 402 राजस्व ग्रामों की आबादी को योजना के दस्तावेज वितरण हो सके, इसकी भी सम्पूर्ण तैयारी कर ली। श्री पटेल को उस दिन और अधिक आत्मिक संतोष प्राप्त हुआ जब प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के देश के पहले लाभार्थी होने का गौरव हरदा जिले के ग्राम अबगाँव कला के श्री रामभरोसे विश्वकर्मा को मिला। उनकी जमीन, घर, कुआँ और पेड़ सभी गाँव से गुज़र रहे हाइवे के कारण अधिग्रहित कर लिए गए थे। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में उनका प्रकरण स्वीकृत हुआ और उन्हें कुएँ से लेकर पेड़ तक के कुल मिलाकर 21 लाख 14 हज़ार का मुआवजा मिला।

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ने ग्रामीण भारत की तकदीर बदलने के बहुआयामी विकल्प उपलब्ध कराए और देश में नई आर्थिक क्रांति का सूत्रपात किया। किसान-कल्याण मंत्री कमल पटेल उत्साहित है और कहते है कि अब किसी को शहर नहीं जाना होगा, किसानों की जमीन होगी, उद्योग होंगे, विकास होगा। उनके अनुसार वास्तव में गाँवों को सही मायनों में असली आजा़दी 24 अप्रैल 2020 को प्राप्त हुई, जब ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने वाली प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना लागू हुई।