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12 में से 7 माह गुजरे, पौने दो लाख करोड़ के टारगेट में से सिर्फ 26 हजार करोड़ जुटा पाई मोदी सरकार

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विनिवेश के जरिये कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट भाषण के दौरान इस विनिवेश के लक्ष्य का ऐलान किया था.

दरअसल, बजट पेश किए करीब 8 महीने बीते चुके हैं, जबकि चालू वित्त वर्ष का भी आधा वक्त बीत चुका है, और सरकार विनिवेश के मोर्चे पर फिलहाल बहुत पीछे दिख रही है. चालू वित्त वर्ष के 6 महीनों में विनिवेश के जरिये सरकार करीब 26,369 करोड़ रुपये ही जुटा पाई है.

एयर इंडिया की बिक्री से करीब 18 हजार करोड़ हासिल

अब तक सरकार को एयर इंडिया (Air India) की बिक्री से करीब 18 हजार करोड़ रुपये मिले हैं. जिसे इसी महीने ही अंतिम रूप दिया गया है. इसके अलावा एक्सिस बैंक, NMDC और हुडको में हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 8,369 करोड़ रुपये मिले हैं. इस तरह से कुल 26,369 करोड़ रुपये सरकार के खाते में आई है.

अभी तक के आंकड़ों को देखें तो सरकार इस चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के लक्ष्य से काफी दूर है. अभी तक विनिवेश के जरिये करीब 16 फीसदी का लक्ष्य हासिल हुआ है, जो बहुत कम है. टारगेट तक पहुंचने के लिए अगले 6 महीनों में सरकार को विनिवेश से करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये जुटाने होंगे.

ये कंपनियां विनिवेश के लिए कतार में 

हालांकि सरकार का दावा है कि चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में विनिवेश पर तेजी से काम किया जाएगा. सरकार आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियों के निजीकरण या विनिवेश की योजना बना रही है. सरकार का लक्ष्य है कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) का निजीकरण इस वित्त वर्ष में पूरा किया जाए. इसके अलावा LIC का आईपीओ भी लॉन्च करने की तैयारी तेजी से चल रही है. अगर इन दोनों मोर्चों पर सफलता मिलती है तो फिर सरकार विनिवेश के लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी.

गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में भी विनिवेश का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ था. सरकार ने वित्त वर्ष (2020-21) के दौरान विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से सरकार लक्ष्य से बेहद दूर रह गई थी.