देश

अगस्ता वेस्टलैंड डील से जुड़ी इटालियन डिफेंस कंपनी से बैन हटा, CBI-ED की जांच रहेगी जारी

केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए इटली की हथियार बनाने वाली कंपनी Leonardo SpA पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. ये कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड डील से जुड़ी थी. हालांकि, ये प्रतिबंध कुछ शर्तों के साथ हटाया गया है.

केंद्र सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड से जुड़ी इटली की एक हथियार कंपनी पर लगा बैन हटा दिया है. सरकार ने इटली की कंपनी Leonardo SpA पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है. ये कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड डील से जुड़ी थी. सरकार से जुड़े सूत्रों ने आजतक से प्रतिबंध हटाए जाने के फैसले की पुष्टि की है. इस कंपनी को 2013-14 में VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले के लिए बैन कर दिया गया था.

सरकारी सूत्रों ने आजतक को बताया कि इटालियन डिफेंस कंपनी Leonardo SpA पर लगा वित्तीय लेन-देन का प्रतिबंध हटा लिया गया है. इस कंपनी को पहले Finmeccanica के नाम से जाना जाता था.

हालांकि, ये प्रतिबंध कुछ शर्तों के साथ हटाया गया है. प्रतिबंध हटने के बावजूद, CBI और ED कंपनी के खिलाफ दर्ज मांलों की जांच करती रहेगी. इसके साथ ही भारत सरकार के साथ कंपनी के जो पहले सौदे या समझौते हुए थे, उसमें भी कंपनी वित्तीय दावा नहीं कर सकेगी.

बताया जा रहा है कि प्रतिबंध हटाने के लिए कंपनी और इटली की सरकार से बार-बार अनुरोध किया जा रहा था. इसके बाद रक्षा मंत्रालय (defence ministry) ने कानून मंत्रालय समेत कई एजेंसियों से सलाह-मशविरा किया और प्रतिबंध हटाने पर फैसला लिया.

भारत ने कंपनी के साथ VVIP के लिए 12 हेलीकॉप्टर और नेवी के लिए हेवीवेट टॉरपिडो खरीदने का सौदा किया था, लेकिन घोटाला सामने आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था.

क्या था अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला?

फरवरी 2010 में यूपीए सरकार ने 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद के लिए अगस्ता वेस्टलैंड (Agusta Westland) के साथ करीब 3600 करोड़ रुपये की डील की थी. अगस्ता वेस्टलैंड की पैरेंट कंपनी Finmeccanica थी जो अब Leonardo SpA बन गई. इस डील में इटली की जांच एजेंसियों ने 2012 में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगाया. आरोप लगा कि कंपनी ने टेंडर पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी.

मामला बढ़ने के बाद सरकार ने कंपनी के साथ डील रद्द कर दी. फरवरी 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई. पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें तत्कालीन वायुसेना प्रमुख संदीप त्यागी को भी आरोपी बनाया गया था.