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क्रिप्टोकरेंसी पर संसदीय पैनल की पहली अहम बैठक हुई, बैन नहीं, रेगुलेट करने के दिए संकेत!

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सोमवार को संसदीय पैनल की पहली बैठक हुई. सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेता जयंत सिन्हा की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर आम सहमति बनी कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है. इस सही तरीके से रेगुलेट करने की जरूरत है.

क्रिप्टोकरेंसी ((Cryptocurrency) को लेकर सोमवार को संसदीय पैनल की पहली बैठक हुई. सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेता जयंत सिन्हा की अगुवाई में हुई इस बैठक में इस बात पर आम सहमति बनी कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को पूरी तरह से बैन नहीं किया जा सकता है. इस सही तरीके से रेगुलेट (Cryptocurrency Regulatuion) करने की जरूरत है.

इस बैठक के दौरान संसदीय स्थाई समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, उद्योग निकायों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा की. पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ते निवेश से वित्तीय जोखिमों के साथ-साथ कई और खतरे पैदा हुए हैं.

क्रिप्टोकरेंसी पर पैनी नजर रखने की जरूरत

सूत्रों की मानें तो संसदीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नियामक तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए. हालांकि, उद्योग संघ और हितधारक इस बारे में स्पष्ट नहीं थे कि किसके हाथों में डोर होना चाहिए.

सूत्रों ने कहा कि पैनल के संसद सदस्यों (सांसदों) ने भी निवेशकों के पैसे की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई. साथ ही उन्होंने सामाचार पत्रों में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने को लेकर विज्ञापन पर सवाल उठाया.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सांसद यह भी चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनकी जो चिंताएं हैं. उसे दूर करने के लिए सरकारी अधिकार पैनल के सामने पेश हों. हालांकि, यह नहीं बताया कि किन सरकारी अधिकारियों को बुलाया जाएगा.

13 नवंबर को पीएम की अगुवाई में हुई थी बैठक

बता दें, क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर मोदी सरकार हरकत में है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इस मुद्दे पर 13 नवंबर को बैठक हुई. यह बैठक रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय की उस संयुक्त परामर्श प्रकिया के बाद हुई थी, जिसमें मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विभिन्न देशों और दुनियाभर के विशेषज्ञों से इस बारे में परामर्श किया था.

कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक पेश करने के लिए तैयार है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त संबंधी स्थाई समिति (Standing Committee on Finance) 15 नवंबर को अगली बैठक करने वाली है. जिसमें इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर RBI की चिंता 

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना पक्ष सरकार के सामने रख दिया है. केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को डिजिटल परिसंपत्तियों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में गंभीर चिंताएं हैं. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वर्चुअल करेंसी को लेकर RBI की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हमें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रमुख चिंताएं हैं, जो हमने सरकार को बताई हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है.