ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 100 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनने जा रहा है. इसके लिए प्राधिकरण ने मंगलवार कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल की सब्सिडरी कंपनी) के साथ अनुबंध कर लिया है.
ग्रेटर नोएडा में 100 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए मंगलवार को एमओयू साइन किया गया. पहला चार्जिंग स्टेशन अल्फा कॉमर्शियल बेल्ट में अगले दो हफ्ते में शुरू करने का लक्ष्य है. राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता योजना के अंतर्गत देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. इस मुहिम में ग्रेटर नोएडा भी शामिल हो गया है.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 100 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनने जा रहा है. इसके लिए प्राधिकरण ने मंगलवार कनवर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल की सब्सिडरी कंपनी ) के साथ अनुबंध कर लिया है.
10 दिन में रिपोर्ट पेश करेगी टीम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ दीप चंद्र की मौजूदगी में अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए. एसीईओ ने सीईएसएल से अगले दो सप्ताह में पहला चार्जिंग स्टेशन अल्फा कॉमर्शियल बेल्ट में बनाने का लक्ष्य दिया. सीईएसएल के प्रतिनिधियों ने भी इस पर हामी भर दी है. शेष चार्जिंग स्टेशनों की जगह की पहचान करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और सीईएसएल की टीम संयुक्त टीम सर्वे करेगी. अगले 10 दिन में सर्वे रिपोर्ट सबमिट करेगी.
ये उन जगहों पर बनाए जाएंगे, जहां पर वाहनों की आवाजाही अधिक होगी. ग्रेटर नोएडा के प्रमुख बाजारों, चौराहों, मॉल, प्रमुख मार्गों, सरकारी दफ्तरों के आसपास ये चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इन स्टेशनों के लिए नोएडा प्राधिकरण जगह उपलब्ध कराएगा। शेष सुविधाएं सीईएसएल विकसित करेगा.
01 दिसंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभी भुगतान सिर्फ ऑनलाइन
एक दिसंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभी तरह के बकाया और अन्य भुगतान सिर्फ ऑनलाइन होंगे. प्राधिकरण ने ऑफलाइन भुगतान को बंद करने का फैसला लिया है. वित्त विभाग ने प्राधिकरण से जुड़े सभी बैंकों को पत्र भेजा है. हालांकि किसानों, 200 वर्ग मीटर से छोटे आकार के रिहायशी भूखंडों और 400 वर्ग मीटर से छोटे आकार के औद्योगिक भूखंडों के आवंटियों के लिए ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भुगतान की सुविधा भी जारी रहेगी.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत एक लाख से अधिक आवंटी हैं। 80 से अधिक मद हैं, जिनमें आवंटी भुगतान जमा करते हैं. इन मदों में आवंटन व किस्त की धनराशि, अतिरिक्त मुआवजा, आबादी प्लॉट को विकसित करने का शुल्क, सीआईसी शुल्क, सामुदायिक केंद्र को बुक करने का शुल्क, कंप्लीशन फीस, कंपाउडिंग फीस, कनवर्जन चार्जेस, डुप्लीकेट मैप स्वीकृति शुल्क, एक्सट्रा एरिया, एक्सट्रा कंस्ट्रक्शन चार्ज आदि शामिल हैं.