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संसद हमले के 20 साल, PM मोदी और गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने किया शहीदों को याद

आज यानी 13 दिसंबर 2021 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी है. 20 साल पहले आज के दिन ही यानी की 13 दिसंबर 2001 को पाकिस्तान से आए पांच आतंकियों ने दिल्ली में लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद भवन को गोलियों से छलनी करने की कोशिश की थी. ये हमला संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुआ था. इस दौरान 9 सुरक्षबलों में शहीद होकर देश की रक्षा की थी.

आज यानी 13 दिसंबर 2021 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी है. 20 साल पहले आज के दिन ही यानी की 13 दिसंबर 2001 को पाकिस्तान से आए पांच आतंकियों ने दिल्ली में लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद भवन को गोलियों से छलनी करने की कोशिश की थी. ये हमला संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुआ था. इस दौरान 9 सुरक्षबलों में शहीद होकर देश की रक्षा की थी. देश के इन सपूतों को आज श्रद्धांजलि दी जाएगी. आज इस दिन एक बार फिर याद कर देश की आंखें आज नम हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर एक ट्वीट कर लिखा- मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो 2001 में संसद हमले में कर्तव्य के दौरान शहीद हुए थे. राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटिशः नमन करता हूं. आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव हमें राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा.

इधर, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा- 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देकर लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करने वाले अमर शहीदों को नमन. कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर लिखा-2001 के संसद हमले के दौरान हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हम अपने वीरों के बलिदान के सदैव ऋणी रहेंगे.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा-  यह कभी न भूलें कि आज ही के दिन 20 साल पहले भारतीयों के साहस और बलिदान की जीत हुई थी. भारत के लोकतंत्र के मंदिर पर 2001 में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का सामना बेजोड़ वीरता के साथ किया गया था. अपने प्राणों से हमारी संसद की रक्षा करने वाले वीरों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि.